नई दिल्ली। भारत कोरोनावायरस के टीके के क्लिनिकल परीक्षण में प्रगति को लेकर अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के साथ संपर्क में है और कंपनी ने कहा है कि इस टीके ने 94.5 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।
मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान द्वारा कोविड-19 के खिलाफ टीके (एम आरएनए) 1273 के तीसरे चरण के अध्ययन के लिए नियुक्त स्वतंत्र डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड (डीएसएमबी) ने टीके को 94.5 प्रतिशत प्रभावी पाया है।
एक सूत्र ने कहा कि हम केवल मॉडर्ना से ही नहीं बल्कि फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के साथ भी प्रत्येक टीके के क्लिनिकल परीक्षणें की प्रगति को लेकर संपर्क में हैं। नए औषधि और कॉस्मेटिक नियम 2019 के अनुसार यदि किसी दवा या टीके का परीक्षण हो चुका है और उसे भारत के बाहर नियामक मंजूरी मिल गई है, उसे सुरक्षित नियामक मंजूरी के लिए यहां दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल अध्ययन से गुजरना होगा।
कैंब्रिज, मैसाचुसेट्स स्थित मॉडर्ना की घोषणा से 1 सप्ताह पहले ही फाइजर और बायोएनटेक ने कहा था कि उनके कोविड-19 के टीके प्रतिभागियों में कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पाए गए हैं।
मॉडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन बांसेल ने कहा कि यह हमारे कोविड-19 टीके के विकास में निर्णायक क्षण है। जनवरी की शुरुआत से हमने इस इरादे से वायरस को समझने का प्रयास किया है कि दुनियाभर में यथासंभव ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। (भाषा)