नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकहाउन को लागू कराने के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया गया है जिसके तहत किसी भी उल्लंघन के लिए दो साल तक की कैद हो सकती है।
मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी कार्यालय, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशो की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, सार्वजनिक निगम, वाणिज्यिक, निजी, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
इनमें कहा गया है कि हालांकि उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी।
दिशा निर्देशों के अनुसार बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इसमें ई-कॉमर्स के जरिए खाद्य पदार्थ, दवाईयां, चिकित्सीय उपकरण मुहैया कराने को भी बंद से छूट है। इसमें कहा गया है, 'सभी प्राधिकारी यह संज्ञान में लें कि कड़ा प्रतिबंध लोगों की आवाजाही पर है न कि आवश्यक सामानों पर।'
यह दिशानिर्देश प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करने और बंद की घोषणा के कुछ मिनट के भीतर जारी किया गया है। आतिथ्य क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि वे होटल, होमस्टे, लॉज और मोटल खुले रहेंगे जो बंद की वजह से पर्यटकों और फंसे लोगों को सेवा दे रहे हैं। इससे चिकित्सा और आपातकर्मी, समुद्री चालक दल के सदस्य और पृथक रखे जाने के उद्देश्य से जिनका इस्तेमाल किया जाना है, उन्हें इस बंद से छूट है।
टेलिकम्युनिकेशन, इंटरनेट सेवा, प्रसारण और केबल सेवा, आईटी और आईटी से जुड़ी सेवाएं (आवश्यक सेवाएं) भी जहां तक संभव हो सकेगा घर से काम करेंगी। इस दौरान औद्योगिक प्रतिष्ठानों की वैसी ही इकाईयां काम करेंगी जो आवश्यक चीजों का उत्पादन करेगी।
इनमें कहा गया है कि रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, कोषागार,पेट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, चेतावनी एजेंसियां, राज्य पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, जिला प्रशासन और कोषागार, बिजली, पानी, स्वच्छता, और नगर निकायों (केवल आवश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक कर्मचारी) को लॉकडाउन से मुक्त किया गया है।
इनमें कहा गया है कि इन कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या न्यूनतम रहेंगी जबकि अन्य सभी कार्यालय घर से काम करेंगे। इनमें कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट इन दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए घटना के कमांडर के रूप में कार्यकारी मजिस्ट्रेट तैनात करेंगे।