जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में सेना की सजगता के चलते ईरानी नागरिकों से कोरोना वायरस का फैलाव नहीं हो पाया। दरअसल इन नागरिकों में कई ऐसे पोजिटिव मिले हैं, जिनमें शुरुआत में किसी तरह के कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए थे। सेना ने उन्हें उनके घर न भेजकर सावधानीवश प्रोटोकोल के अनुसार उनकी क्वांरंटाइन अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि वैश्विक महामारी के शुरू होने के बाद 1036 भारतीय नागरिकों को ईरान से 5 दलों में भारत लाया गया। इनमें से 3 दलों को जैसलमेर और दो दलों को जोधपुर सैन्य क्षेत्रों में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया।
क्वारंटाइन की अवधि समाप्ति होने पर 28 मार्च को इन लोगों का पहली बार सैम्पल एम्स जोधपुर भेजा गया। इनमें 236 लोगों के प्रथम दल में से 15 लोग पॉजिटिव पाए गए। हालांकि इनमें शुरुआत में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं था। इन लोगों को एम्स जोधपुर में स्थानांतरित कर दिया गया। दूसरे ही दिन 53 विद्यार्थियों के दूसरे दल की जांच हुई और सभी का परिणाम निगिटिव आया, इन लोगों को जल्द से जल्द उनके घर पहुंचाने का प्रयास जारी है। तीसरे दल के 195 लोगों में से अब तक सिर्फ 2 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
सैन्य अधिकारी ने बताया कि जोधपुर में सेना ने अपनी ओर से पहल करके शुरू के दिनों में ही जांच करवाने के कारण 552 लोगों में से 19 पॉजिटिव लोगों की पहचान हो गई है, जिन्हें एम्स तथा एम डी एम जोधपुर में भर्ती करवा दिया गया है और बाकी लोगों को सैन्य सुविधा में क्वारंटाइन किया गया। सेना के परिश्रमी और व्यवस्थित प्रक्रिया के पालन करने से जांच में पॉजिटिव पाए गए लोग, जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं थे, उन्हें देश के विभिन्न भागों में वाहक बनने से रोक दिया गया है।