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भारत में कोरोना के कुल केस 50 लाख के पार, सरकार ने कहा- रिकवरी के मामले में हम दुनिया में सबसे आगे

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, बुधवार, 16 सितम्बर 2020 (08:21 IST)
नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में मंगलवार की रात कोविड-19 मरीजों की कुल संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई। हालांकि, सरकार का कहना है कि भारत में संक्रमितों के ठीक होने की दर दुनिया में सबसे अधिक है तथा उसने इस मोर्चे पर अन्य देशों के अनुभव से सीखा है।
केंद्र ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के इलाज में अहम चिकित्सा श्रेणी के ऑक्सीजन की राष्ट्रीय स्तर पर 'कोई कमी' नहीं है और राज्यों से अनुरोध किया कि वे अस्पताल स्तर पर उचित प्रबंधन सुनिश्चित करें और ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए पहले से योजना बनाएं जिससे स्टॉक की अनुपलब्धता न हो।
 
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने यह भी कहा कि कोविड- 19 से फिर से संक्रमित होना ‘बहुत बहुत दुर्लभ’ है लेकिन यह हो सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चिंता का विषय नहीं है।
 
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उन देशों में हैं, जहां कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या सबसे अधिक संख्या है। उन्होंने कहा कि देश में 14 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,000 से कम है।
भूषण ने कहा कि देश में 18 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं, जहां उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या 5,000 और 50,000 के बीच है, जबकि ऐसे मात्र 4 राज्य जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या 50,000 से अधिक है।
 
भूषण ने भारत में ठीक होने वालों की उच्च संख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 38.5 लाख से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। यह संख्या दुनिया में सबसे अधिक ठीक होने की दर में से एक है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़े से पता चलता है कि भारत में ठीक होने वालों की सबसे अधिक संख्या है।
 
देश में 40 लाख की संख्या पार करने के महज 11 दिन बाद भारत में संक्रमितों की कुल संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई है। राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 38,59,399 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
 
भार्गव ने भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के बारे में बात करते हुए कहा कि यदि आप यूरोपीय देशों और अमेरिका को देखते हैं, तो पाते हैं कि उनके यहां मामले चरम पर पहुंच गए और उस दौरान चाहे वह स्पेन, ब्रिटेन, स्वीडन या इटली हो, काफी संख्या में मौतें हुईं। वह उच्च स्तर नीचे आया और उसके बाद वे दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से, हमने भारत में उससे सीख ली और हम संक्रमण के उच्च स्तर को रोक पाए। हमने उच्च स्तर को इस तरह व्यवस्थित किया कि हमारे यहां बड़ी संख्या में मौतें नहीं हुईं और इसका कारण वैज्ञानिक था। एक बहुत प्रभावी लॉकडाउन जो मार्च के अंतिम में, अप्रैल और मई के महीनों में लगाया गया था। इसलिए, हमारे यहां उस लिहाज से उच्च स्तर नहीं हुआ।
 
दुनिया भर से कोविड-19 के आंकड़ों का संग्रह करने वाले अमेरिका के जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक इस महामारी से ठीक होने वाले लोगों के संदर्भ में भारत सबसे आगे है, उसके बाद ब्राजील और फिर अमेरिका का स्थान आता है। विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से प्रभावित लोगों के मामले में अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है जबकि मृतकों के आंकड़ों के लिहाज से अमेरिका और ब्राजील के बाद वह तीसरे स्थान पर है।
 
भार्गव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय में कोविड-19 पर गठित राष्ट्रीय कार्यबल और संयुक्त निगरानी समूह संक्रमितों के इलाज के लिए प्लाजमा पद्धति से इलाज को जारी रखने पर फैसला नियंत्रित परीक्षण से आए आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद लेगा।
 
भूषण ने जोर देकर कहा कि भारत में कोविड-19 जांच तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमने एक करोड़ से दो करोड़ नमूनों की जांच तक पहुंचने में 27 दिन का समय लिया जबकि केवल दस दिनों में चार करोड़ नमूनों से पांच करोड़ नमूनों तक की जांच पर पहुंच गए।
 
भूषण ने बताया कि अबतक 5.8 करोड़ नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 76 लाख नमूनों की गत हफ्ते जांच की गई। आकड़ों के अनुसार देश में अभी 9,90,061 मरीजों का इलाज चल रहा है। यह कुल मामलों का 20.08 प्रतिशत है। (भाषा)

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