जम्मू। कोरोना काल में भी प्रदेश में 2 संभागों के साथ भेदभाव करने का क्रम न रुक पाने का परिणाम है कि कश्मीर और जम्मू संभाग कोविड सुविधाएं तथा मिलने वाले राहत पैकेज पर भिड़ गए हैं। प्रदेश में पिछले 15 दिनों के भीतर होने वाली मौतों से सबसे ज्यादा जम्मू प्रभावित हुआ है।
आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि 15 दिनों में हुई 794 मौतों में से 502 अकेले जम्मू संभाग में हुई हैं और 292 कश्मीर में। इन मौतों के बाद दोनों संभागों में कोरोना से निपटने की जो तैयारियां व सुविधाएं युद्धस्तर पर की गईं, उनमें ऑक्सीजन प्लांट, कोविड अस्पताल व प्रभावितों को दी जाने वाली राहत टकराव का कारण बन गए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक कश्मीर में इन मौतों के बाद आनन-फानन में जहां 46 ऑक्सीजन प्लांट आबंटित किए गए, वहीं जम्मू को 12 से संतोष करने को कहा गया। यही दशा कोविड अस्पतालों की संख्या को लेकर भी है। जम्मू को मात्र 8 ही कोविड अस्पताल दिए जाने से लोगों में गुस्सा इसलिए भड़का है, क्योंकि अधिकतर मौतें जम्मू में होने के बावजूद कश्मीर में 15 कोविड अस्पताल आबंटित कर दिए गए। यही नहीं, कोविड के चलते राहत भी बांटी गई तो उसमें भी कश्मीर ही प्रमुखता से छाया हुआ है।
सरकार ने कश्मीर के 4,444 शिकारे वालों, 1,370 टूरिस्ट गाइडों, 6,663 खच्चर वालों तथा 2,150 पालकी वालों को पौने 3 करोड़ की राहत बांट दी जबकि जम्मू संभाग में मात्र 13 टूरिस्ट गाइडों व 71 खच्चर वालों को पौने 2 लाख की राहत बांटकर इतिश्री कर ली गई। अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 2019 में कश्मीर में 84,326 टूरिस्ट आए थे और जम्मू संभाग में 87 लाख से अधिक। बस फर्क इतना है कि दरअसल प्रशासन जम्मू में आने वाले वैष्णोदेवी के श्रद्धालुओं को टूरिस्ट नहीं मानता है।