कोरोना वारियर्स की मेरी लिस्ट में पत्रकारों का स्थान बेहद खास: डॉ. हर्षवर्धन
आईआईएमसी के सत्रारंभ समारोह के समापन अवसर पर बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
नई दिल्ली। ''कोरोना महामारी की रोकथाम में पत्रकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना वारियर्स की मेरी लिस्ट में पत्रकारों का स्थान बेहद खास है। मैं उनके जज्बे, जुनून और साहस को सलाम करता हूं।'' यह विचार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के सत्रारंभ समारोह-2020 के अंतिम दिन व्यक्त किये। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक के. सतीश नम्बूदिरिपाड सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में भी पत्रकारों ने लोगों के लिए ग्राउंड जीरो से लगातार रिपोर्टिंग की है। इस दौरान हमने अपने कई पत्रकारों को भी खोया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में मैंने पत्रकारों से बहुत कुछ सीखा है। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा और सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसलिए संकट के समय पत्रकार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
हर्षवर्धन ने कहा कि मैं भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक से आग्रह करता हूं कि वे स्वास्थ्य पत्रकारिता पर एक कोर्स शुरू करें, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कम्युनिकेटर तैयार किये जा सकें। इसके अलावा मैं चाहता हूं कि आईआईएमसी विज्ञान के क्षेत्र में भी अच्छे पत्रकार एवं कम्युनिकेटर तैयार करने पर ध्यान दें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार चाहती है कि वर्ष 2022 तक सभी बच्चों को अच्छी सेहत और अच्छा खानपान मिले। और इस अभियान में पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि एक वक्त में हमने भारत को पोलियो मुक्त बनाने का सपना देखा था और इस सपने को साकार करने में मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मैं चाहता हूं कि इस महामारी के समय में भी पत्रकार नकारात्मक माहौल को सकारात्मक माहौल में बदलने में मदद करें।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अगर आपने लॉकडाउन में अपने घरों में रहकर समय बिताया है,कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और फैलने के लिए शारीरिक दूरी का पालन किया है,साफ-सफाई पर ध्यान दिया है और हमेशा अपने चेहरे को ढककर रखा है या मास्क पहना है, तो आपने भी कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में अहम भूमिका निभाई है।
इससे पहले कार्यक्रम के प्रथम सत्र में 'मीडिया ट्रायल:अच्छा या बुरा?' विषय पर बोलते हुए दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा कि मीडिया ट्रायल इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी पत्रकारिता की दिशा क्या है और आप कैसी पत्रकारिता करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों के साथ मीडिया ट्रायल होता है, तो ये अच्छा है।
नेटवर्क 18 के मैनेजिंग एडिटर ब्रजेश सिंह ने कहा कि नानावटी केस भारत में मीडिया ट्रायल का सबसे पहला उदाहरण है। मीडिया ट्रायल सिर्फ सनसनी या टीआरपी के लिए नहीं होता, बल्कि कई बार मीडिया ट्रायल केस को एक नई दिशा भी देता है। एसोसिएटेड प्रेस टीवी की साउथ एशिया हेड विनीता दीपक ने कहा कि मीडिया ट्रायल के नाम पर मीडिया को कठघरे में खड़ा करना ठीक नहीं हैं। मीडिया अपना काम बखूबी जानता है और कर भी रहा है।
समारोह के समापन सत्र में आईआईएमसी के पूर्व छात्रों ने नए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। पूर्व विद्यार्थियों के इस सत्र में आज तक के न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद, न्यूज़ नेशन के कंसल्टिंग एडिटर श्री दीपक चौरसिया भी शामिल हुए।