नई दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल द्वारा अस्पताल जाने के बदले अपने घर में ही कोविड-19 टीका लगवाने के संबंध में उसने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
पाटिल मंगलवार को उस समय विवादों में घिर गए जब उन्होंने किसी अस्पताल में जाने के स्थान पर अपने घर में टीका लगवाया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर और अन्य लोगों ने इसकी आलोचना की है। पाटिल (64) और उनकी पत्नी ने हावेरी जिले में अपने हीरेकेरूर स्थित आवास में टीका लगवाया।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि दिशा-निर्देशों (प्रोटोकॉल) के तहत इसकी अनुमति नहीं है। यह हमारे संज्ञान में आया है और हमने इस संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
उनके घर पर टीका लेने को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल किए जाने के बाद पाटिल ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और वे जनता को परेशानी से बचाना चाहते थे।
मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि क्या मैंने कोई चोरी की है या डाका डाला है? मैंने तो सिर्फ घर पर टीका लगवाया है, जो अपराध नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि उनके टीकाकरण पर लोगों के बीच चर्चा हो रही है, इससे अन्य लोगों को भी टीका लगवाने की प्रेरणा मिलेगी। पाटिल ने कहा कि अगर वह अस्पताल जाते तो इससे वहां प्रतीक्षा कर रहे लोगों को परेशानी होती।
हालांकि सुधाकर ने पाटिल के इस आचरण पर असंतोष प्रकट किया और कहा कि मेडिकल टीम को उन्हें अस्पताल आने के लिए राजी करना चाहिए था। (भाषा)