कोरोना को हराने वाले वैक्सीन के बूस्टर डोज मेंं लापरवाही पड़ न जाए भारी!
भारत में मात्र 27 फीसदी और मध्यप्रदेश में 25 फीसदी लोगों ने लगवाई बूस्टर डोज
चीन में कोरोना विस्फोट के भारत में कोरोना की नई लहर को लेकर एक बार चिंता बढ़ गई है। चीन के साथ दुनिया के कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भारत में भी कोरोना की नई लहर की आंशका बढ़ गई है। खतरा इसलिए भी अधिक बढ़ गया है क्योंकि चीन में ओमिक्रॉन के जिस BF.7 वैरिएंट ने तबाही मचाई है उसने भारत में भी दस्तक दे दी है। भारत में BF.7 वैरिएंट के 3 केस गुजरात और 2 मामले ओडिशा में मिले है।
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कोरोना को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। सरकार ने लोगों से बूस्टड डोज लगवाने की अपील की है। भारत मे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संजीवनी साबित हुए कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर लोगों में लापरवाही नजर आ रही है। बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने वरिष्ठ नागरिकों से वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज जल्द से जल्द लगनाने की अपील की।
अगर देश में कोरोना वैक्सीनेशन आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है। अगर स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखा जाए तो देश में बूस्टर डोज लगाने वालों की संख्या पहली डोज लगाने वालों की तुलना में मात्र 27 फीसदी लोगों ने प्रिकॉशन डोज ली है।
अगर मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन की बात करें तो मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन के पात्र 25 फीसदी से लोगों ने कोरोना वैक्सीनेशन की प्रिकॉशन डोज ली है। मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन की पहली डोज जहां पांच करोड़ 40 लाख लोगों ने ली थी। वहीं कोरोना वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज लेने वालों की कुल संख्या एक करोड़ 35 लाख के करीब है। जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या में लगभग 38 लाख और और 18 से 59 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 98 लाख के आसपास है।
वहीं अगर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश की बात करें तो वहां पर बूस्टर डोजर का आंकड़ा बहुत कम ही नजर आता है। उत्तरप्रदेश में महज साढ़े चार करोड़ लोगों को बूस्टर डोज लगी है। ऐसे में अब जब चीन में कोरोना को लेकर हालात भयावह हो रहे है तो केंद्र सरकार ने राज्यों को एक बार फिर बूस्टर डोज बढ़ाने के निर्देश दिए है। नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने कहा कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है और लोगों को बूस्टर लगवाने के लिए आगे आना चाहिए।
भारत में हाइब्रिड इम्युनिटी-एक और जहां चीन में कोरोना विस्फोट के हालात हो रहे है वहीं दूसरी ओर भारत में कोरोना के नए मामले बहुत समिति संख्या में सामने आ रहे है। इसका बड़ा कारण भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ हाइब्रिड इम्युनिटी का होना है। वेबदुनिया ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR) के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से बातचीत की। बातचीत में रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि मौजूदा समय में भारत हर्ड इम्युनिटी की स्टेज में हैं और यहीं कारण है कि भारत में मौजूदा समय कोरोना के केसों में कमी देखी जा रही है। भारत में कोरोना के केस में कम संख्या में रिपोर्ट होने का बड़ा कारण भारत में कोरोना वायरस को लेकर हर्ड इम्युनिटी की स्टेज का होना है। भारत में अब तक कोरोना वायरस के नेचुरल इंफेक्शन और वैक्सीनेशन से बड़ी जनसंख्या मेंं हाइब्रिड इम्युनिटी है। हाइब्रिड इ्म्युनिटी से भारत में कोरोना के मामलों की संंख्या काफी कम है।