नई दिल्ली। भारतीय कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का लोहा अब दुनियाभर में माना जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी अप्रूवल लिस्ट में शामिल कोवैक्सीन को अब तक 17 देशों ने इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस बीच मेडिकल जर्नल लांसेट ने दावा किया कि कोवैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ 77.8 फीसदी तक प्रभावी है। वैक्सीन का यह प्रभाव उन लोगों पर पाया गया, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखने लगे।
लांसेट की स्टडी में कहा गया है कि कोवैक्सिन इनएक्टिवेटेड वायरस तकनीक यानी असक्रिय वायरस को शरीर में भेजकर प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करने की तकनीक पर काम करती है। इसकी दो डोज लगने के बाद शरीर में कोरोनावायरस के खिलाफ जबरदस्त एंटीबॉडीज बनती हैं। यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 65.2 फीसदी असरदार है।
लांसेट ने कहा कि भारत में नवंबर 2020 से मई 2021 तक 18 से 19 साल के 24 हजार 419 लोगों पर ट्रायल किया गया था। इसमें वैक्सीन के प्रभाव की वजह से कोई गंभीर घटना या मौतों के मामले सामने नहीं आए।
उल्लेखनीय है कि भारत बायोटेक ने पहले ही कोवाक्सिन को कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी तक प्रभावी करार दिया था। इसके बाद भारत में इसके सुरक्षा मानकों को लेकर उठे विवादों पर विराम लगा था।
इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मिलकर तैयार किया है। अधिकांश भारतीयों को कोवैक्सीन और कोविशिल्ड ही लगाई गई है।