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इस रिपोर्ट से आपकी रूह कांप जाएगी, जून में हर दिन होंगी 2300 से ज्यादा मौतें!

हमें फॉलो करें इस रिपोर्ट से आपकी रूह कांप जाएगी, जून में हर दिन होंगी 2300 से ज्यादा मौतें!
, शनिवार, 17 अप्रैल 2021 (12:46 IST)
भारत में कोरोना को लेकर सामने आई लांसेट जर्नल की भयावह रिपोर्ट

अभी देश में रोजाना 1 हजार से ज्‍यादा मौतें कोरोना से हो रही हैं। लेकिन हाल ही में जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके बारे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी।

लांसेट की एक रिपोर्ट ने लोगों में कोरोना के डर को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में रोजाना कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा जल्द औसतन 1,750 तक पहुंच सकता है। इतना ही नहीं, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जून के पहले हफ्ते तक पहुंचते-पहुंचते कोरोना से रोजाना दम तोड़ने वालों की संख्या 2,320 के आंकड़े को पार कर देगी।

लांसेट कोविड-19 कमीशन  की इस रिपोर्ट को भारत सरकार के कोरोना टास्क फोर्स ने तैयार किया है। ‘भारत में कोरोना की दूसरी लहर के प्रबंधन के लिए जरूरी कदम’ (Managing India’s second Covid-19 wave: Urgent steps) के शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कुछ प्रमुख प्वाइंट्स को हाईलाइट किया गया है। इस रिपोर्ट में उन उपायों का भी सुझाव दिया गया है जो संक्रमण के प्रसार को कम करने में मदद करेंगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के फर्स्ट वेव के दौरान संक्रमण के 50 प्रतिशत केस 40 जिलों से सामने आते थे। हालांकि इन जिलों की संख्या कोरोना के सेकंड वेव तक आते-आते यानी वर्तमान में कम हो गई है। अब 50 फीसदी कोरोना के मामले केवल 20 जिलों से सामने आ रहे हैं और यह चिंतानजक बात है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना ने देश के हर कोने में अपने पांव पसार लिए हैं।

पिछले साल जब महामारी पीक पर थी। उस दौरान कोरोना के 75 फीसदी मामले 60 से 100 जिलों से दर्ज हो रहे थे। जबकि अब केवल 20 से 40 जिलों से कोरोना के 75 प्रतिशत मामले सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट से यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि कोरोना की पहली लहर उतनी खतरनाक नहीं थी, जितनी कि दूसरी लहर अब है। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।

कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि की दर दूसरी लहर में काफी ज्यादा है। यह इस तथ्य से साबित होता है कि फर्स्ट वेव के समय कोरोना संक्रमण के रोजाना 10 हजार मामलों को 80 हजार रोजाना मामलों तक पहुंचने में 83 दिन का वक्त लगा। जबकि इस साल फरवरी से अप्रैल महीने के दौरान यानी केवल 40 दिनों में संक्रमण के रोजाना मामलों ने 80 हजार का आंकड़ा पार कर लिया।

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