जालना। महाराष्ट्र के जालना में कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 संक्रमण के भय से चिकित्सकीय पेशेवरों का बहिष्कार किए जाने और उनके साथ भेदभाव की घटनाओं के मद्देनजर कुछ नेताओं ने लोगों से अपील की है कि वे इन कर्मियों का सम्मान करें, उनके काम की सराहना करें और उन्हें परेशान न करें।
जालना शहर में चिकित्सा कर्मियों को कुछ लोगों द्वारा वहां उनका काम करने से रोके जाने के कारण चार निजी अस्पतालों का कामकाज काफी प्रभावित हुआ था। कुछ लोगों ने स्वास्थ्य पेशेवरों पर संक्रमण फैलाने का भी आरोप लगाया।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में 18 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित पाए गए हैं और उनके कई साथियों को पृथक-वास में रखा गया है। एक अधिकारी ने कहा, शहर के चार निजी अस्पतालों का कामकाज पिछले सप्ताह से लगभग पूरी तरह बंद है क्योंकि लोग चिकित्साकर्मियों को उनका काम नहीं करने दे रहे। उनका कहना है कि ये स्वास्थ्य पेशेवर स्वयं संक्रमण के वाहक हैं।
जालना से कांग्रेस विधेयक कैलाश गोरंट्याल ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कहा कि उन्हें पता चला है कि लोग चिकित्सकों एवं नर्सों को परेशान कर रहे हैं और उनका बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक, नर्सें और स्वास्थ्यसेवा कर्मी समुदाय की सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं लेकिन कुछ लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं और उन्हें उनका काम करने से रोक रहे हैं।
विधायक ने लोगों से अपील की कि वे चिकित्साकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार न करें और उन्हें उनका काम करने दें।महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अर्जुन खोटकर ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि लोगों को चिकित्सकों और नर्सों को सम्मान देना चाहिए क्योंकि वे नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं।
जालना में प्रभावित हुए चार अस्पतालों में से एक दीपक अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. संजय रख ने कहा कि अस्पताल में चिकित्साकर्मियों की भारी कमी है, क्योंकि लोग उन्हें उनका काम करने से रोक रहे हैं और उन्हें संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार बता रहे है। जालना जिले में अब तक 124 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं।(भाषा)