14 अप्रैल का खत्म होने वाला 21 दिन का लॉकडाउन एक बार फिर से आगे बढ़ गया है। अब 3 मई को लॉकडाउन खुलने की उम्मीद है। यानी जिंदगी बचाने के लिए सबको कुछ दिन और अपने घरों में कैद रहना होगा।
हालांकि ऐसे में सबसे ज्यादा लोगों को जिस बात का इंतजार है वो यह है कि आखिर लॉकडाउन के बाद भारत के साथ ही दूसरे देशों के लोगों की जिंदगी किस तरह बदल सकती है।
सोशल डिस्टेंसिंग हो जाए नियम
उम्मीद की जा सकती है कि अब हमेशा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का नियम हो जाए। हालांकि यह उतना आसान नजर नहीं आता क्योंकि यह जहां ज्यादा लोग आते हैं ऐसी दुकानों और उपक्रमों पर बहुत इसकी वजह से ज्यादा टाइम लग सकता है।
किश्तों में खुलें शहर!
हो सकता है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद आपको बाजारों में ऐसी रौकन न नजर आए जैसी आपने अब तक देखी है। संभव है कि किश्तों में बाजार खुलें और इसी छोटी मोटी छूट के वक्त लोगों को बाहर जाने की अनुमति होगी। इसके लिए सरकार की तरफ से गाइड लाइन जारी की जा सकती है।
मुश्किल होगी रेल की यात्रा
हो सकता है कि आपकी रेल की यात्रा भी मुश्किल हो जाए। यात्रा करने से पहले आपके लिए कई नियमों का पालन करना जरुरी हो जाए। मसलन, यात्रा से पहले आपकी जांच हो। इसके लिए आरोग्य सेतू एप्प का सहारा लिया जाए। लोग रेल में मास्क पहने नजर आएं। पहले जो भीड नजर आती थी ट्रेनों में वो न नजर आएं। पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे अब आमदनी के बारे में नहीं, यात्रियों की सुरक्षा के बारे में ज्यादा सजग रहेगा।
क्या थर्मल स्कीनिंग होगी जरुरी?
संभव है कि एयरपोर्ट की तरह यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए। जिससे संक्रमण की आशंका दूर की जा सके। ठीक इसी तरह जो शहर कोरोना हॉट स्पॉट की सूची में हैं, उन पर ज्यादा नजर रखी जाए। यह भी संभव है कि ऐसे शहरों में ट्रेन रुके ही नहीं। या फिर हॉट स्पॉट वाले शहरों के लिए टिकट ही न बनाए जाएं।
मिलने न आए रिश्तेदार
पहले जब आप बीमार होते थे तो ढेर सारे रिश्तेदार घर आ जाते थे। अब शायद ऐसा न हो। आपके रिश्तेदार या दोस्त सिर्फ फोन पर ही हालचाल पूछ लें। या वीडियो कॉल पर ही पूछ लें खैरियत।
क्या पार्टियां भी होगी शक के घेरे में?
अब तक जिन पार्टीज में आप एंजॉय करते आए हैं, हो सकता है अब वैसा नजर न आए। पार्टी भी शक के घेरे में आ जाए। 10 या इससे ज्यादा लोगों को पार्टी में या किसी दूसरे आयोजन में एकत्र होने पर अनुमति लेना हो। पार्टी में शामिल होने वालों की भी जांच मुमकीन है।
होटल में हो सकती है स्क्रीनिंग
यह भी संभव है कि जब आप किसी दूसरे शहर की यात्रा करें और वहां किसी होटल में ठहरें तो होटल संचालक पहले आपकी स्क्रीनिंग करें, उसके बाद ही रुकने की इजाजत दें।