नई दिल्ली। कोरोना वायरस से लड़ाई में आज सोमवार से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई तक चलेगा। हालांकि पिछले दोनों लॉकडाउन को देखते हुए इसमें कई सेवाओं में छूट दी गई है। कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों को देखते हुए देश को तीन जोनों रेड, ऑरेंज और ग्रीन में बांटा गया है। इसी आधार पर छूट दी गई है।
पूरे देश में कितने जोन : 319 जिले ग्रीन जोन में, 284 जिले ऑरेंज जोन में, 130 जिले रेड जोन में।
तीनों जोनों में इन पर पांबदी : यात्रा, विमान एवं ट्रेन सेवाएं, मेट्रो ट्रेन, शिक्षण संस्थाएं, होटल, रेस्टोरेंट अन्य हॉस्पिटेलिटी सेवाएं 17 मई तक बंद रहेंगी। धार्मिक और सामाजिक आयोजन पर प्रतिबंध। 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों को जरूरी कार्यों और स्वास्थ्य संबंधी कारणों के अलावा घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं।
ग्रीन जोन में छूट : ग्रीन जोन वाले जिलों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और अन्य सतर्कताओं के साथ लगभग सभी गतिविधियों की छूट दे दी गई है। बसें चल सकती है लेकिन उसमें सिर्फ 50 प्रतिशत यात्रियों की इजाजत। ग्रीन जोन में सैलून, स्पा को खोलने की अनुमति। ई-कॉमर्स कंपनियों को गैरजरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की भी स्वीकृति मिल गई है। कंटेनमेंट एरिया के अतिरिक्त सभी जोन में ओपीडी और मेडिकल क्लीनिक खोलने की इजाजत।
ऑरेंज जोन : लॉकडाउन के तीसरे चरण में ऑरेंज जोन में भी छूट को बढ़ा दिया गया है। इस क्षेत्र में लोगों को सुबह 7 से शाम 7 बजे के बीच गैरजरूरी गतिविधियों के लिए भी बाहर आने-जाने की अनुमति दे दी गई है। सैलून और स्पा खोलने की अनुमति। इन जोन में ई-कॉमर्स कंपनियों को गैरजरूरी वस्तुओं की डिलेवरी की इजाजत। ओपीडी और मेडिकल क्लीनिक खोलने की अनुमति। ओला, ऊबर टैक्सी सेवाओं को भी इजाजत, लेकिन एक पैसेंजर की अनुमति।
रेड जोन में सख्ती बरकरार : रेड जोन में लॉकडाउन में सख्ती रहेगी। रेड जोन में रिक्शा, ऑटो, टैक्सी आदि पर पाबंदी रहेगी। रेड जोन में ई-कॉमर्स कंपनियां भी सिर्फ जरूरी सेवाओं की आपूर्ति कर सकेंगी। कंटेनमेंट क्षेत्र में लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति घरों तक की जाएगी। रेड जोन के कंटेनमेंट जोन में देशभर में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा साइकल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, जिलों के अंदर और जिलों के बीच बसों की आवाजाही, सैलून, स्पा पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। हालांकि राज्य सरकारें स्थिति को देखकर छूट में बदलाव कर सकती हैंं।