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लॉकडाउन के बीच जारी है पलायन, मजदूर बोले- बिना काम जीना मुश्किल

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, रविवार, 29 मार्च 2020 (19:10 IST)
नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच दिहाड़ी मजदूरों का पलायन जारी है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पलायन कर रहे लोगों से अपील की है। मजदूरों ने लॉकडाउन से बने हालातों के बीच अपने दर्द को भी बताया।
 
केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में लोग उन शहरों से लौट रहे हैं जहां वे काम करते थे। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे जहां हों वहीं ठहरे रहें। 
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केजरीवाल ने कहा- प्रधानमंत्री ने जब लॉकडाउन का ऐलान किया था, उन्होंने एक लाइन कही थी जो जहां है वो वहीं रहे, मेरे हिसाब से ये कोरोना के लॉकडाउन का मंत्र है, अगर हम इसको लागू नहीं करेंगे तो यह लॉकडाउन सफल नहीं हो सकता। हम फेल हो जाएंगे पूरा देश फेल हो जाएगा।
 
कामकाज हुआ ठप : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) घोषित होने के बाद, सभी तरह की कारोबारी और आर्थिक गतिविधियां थम गई हैं। इस वजह से प्रवासी कामगारों के पास कोई काम नहीं है।
 
उनमें से अधिकतर लोग रोज़ कमा के अपना गुजर-बसर करते हैं। बिना काम के उनके लिए घर का किराया देना, खाने-पीने की चीजें खरीदना, बहुत मुश्किल हो जाएगा। इसलिए वे घर की ओर पलायन कर रहे हैं।
 
दिल्ली पुलिस ने रोका : दिल्ली पुलिस ने रविवार को प्रवासी कामगारों को आनंद विहार बस अड्डे नहीं पहुंचने दिया। पुलिस ने बस अड्डे से पहले ही बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया और किसी को भी आगे नहीं बढ़ने दिया।
 
इससे एक दिन पहले हजारों प्रवासी कामगार अपने गांव वापस जाने के लिए दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित आनंद विहार बस अड्डे पहुंच गए थे।
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क्या बोले मजदूर : फल बेचकर अपना गुजर-बसर करने वाले जोगिंदर सिंह ने कहा कि हम सुबह यहां आए और इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि पुलिस हमें आगे जाने दे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे हमें अनुमति नहीं देंगे। वे अपने परिवार के साथ सुबह आनंद विहार बस अड्डे पहुंचे ताकि उन्हें अपने गृहनगर मुरादाबाद जाने के लिए बस पकड़ सकें।
 
सिंह ने कहा कि जो आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, वे उसे पीट रहे हैं। मैं यहां अपनी पत्नी और 11 साल के बेटे के साथ आया हूं। हम नहीं चाहते कि पुलिस हमें पीटे। अब हमारे पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि हम विश्वास नगर इलाके में स्थित अपने घर वापस चले जाएं।
 
पैदल ही जाने को तैयार : सिंह ने कहा कि अगर पुलिस सीमाएं खोल दे, तो हम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद तक पैदल चल सकते हैं जो यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर है। इस बंद के कारण मेरा काम प्रभावित हुआ है। पिछले एक हफ्ते से मेरे पास कोई काम नहीं है। मैं फल बेचता हूं, जिसके लिए मुझे गाजीपुर मंडी जाना होता है, लेकिन पुलिस हमें वहां नहीं जाने दे रही है। 
 
शनिवार को हुआ था जमावड़ा : शनिवार को दिल्ली, हरियाणा और यहां तक कि पंजाब के हजारों दिहाड़ी मजदूर आनंद विहार, गाजीपुर और गाजियाबाद के लाल कुआं क्षेत्रों में पहुंच गए। वे अपने-अपने गृह नगरों के लिए बसें पकड़ना चाहते थे।
 
पुलिस के मुताबिक, 10-15 हजार लोग शनिवार को आनंद विहार में जमा हो गए थे। करीब 60-70 बसें जितने यात्रियों को ले जा सकती थीं, उतनों को ले गईं। आधी रात तक करीब 500 और बसों को प्रवासी कामगारों को ले जाने के लिए दिल्ली पहुंचना था।
 
रविवार सुबह तक इलाके से सभी लोगों को हटा दिया गया और दिल्ली पुलिस किसी को भी आनंद विहार बस अड्डे जाने की इजाजत नहीं दे रही थी। 
 
पुलिस ने बस अड्डे से करीब 500 मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगा दिए और बस अड्डा परिसर में प्रवेश करने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है। (एजेंसियां)

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