भोपाल। मध्य प्रदेश में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी के बीच भारत हेवी इलेक्ट्रकल्स लिमिटेड (भेल), भोपाल अपने संयत्र में चौबीसों घंटे चिकित्सकीय ऑक्सीजन के उत्पादन में जुटा है, लेकिन इसके वाबजूद सिलेंडर भरवाने के लिए लोगों की अपने वाहनों के साथ लंबी-लंबी कतारें संयंत्र परिसर में लगी हुई हैं।
भेल भोपाल के महाप्रबंधक (जनसंपर्क) राघवेन्द्र शुक्ला ने शनिवार को बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर भेल भोपाल एक सप्ताह से अधिक समय से प्रतिदिन अपने संयंत्र में अपनी पूरी क्षमता के अनुसार करीब 5000 क्यूबिक मीटर चिकित्सकीय ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है।
उन्होंने कहा, इससे पहले 10 अप्रैल को हमने राज्य सरकार को बताया था कि हम केवल 1800 क्यूबिक मीटर चिकित्सकीय ऑक्सीजन का बंदोबस्त कर सकते हैं। लेकिन इसकी मांग बढ़ने लगी और हम अपने संयंत्र को चौबीसों घंटे चला रहे हैं एवं 18 अप्रैल से प्रतिदिन अपनी पूरी क्षमता 5000 क्यूबिक मीटर चिकित्सकीय ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं।
शुक्ला ने बताया कि यह ऑक्सीजन गैस के रूप में है और इसे भेल भोपाल के संयंत्र में चिकित्सकों एवं अस्पतालों की सिफारिश पर सिलेंडरों में भर कर दिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि संयंत्र में चिकित्सकीय ऑक्सीजन के लिए लोगों को लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ रही है, क्योंकि भेल भोपाल में इसका उत्पादन एवं आपूर्ति चौबीसों घंटे की जा रही है।
शुक्ला ने कहा कि ऑक्सीजन का पूरा उत्पादन चिकित्सकीय उद्देश्य से कराया जा रहा है और औद्योगिक उपयोग के लिए इसकी आपूर्ति संयंत्र ने बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारे संयंत्र का परिसर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) की सुरक्षा में है और इसलिए इस परिसर में प्रवेश के लिए अस्पताल के चिकित्सकों की ऑक्सीजन लाने के लिए सिफारिश जरूरी है।
इसी बीच, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन के सिलेंडर के लिए भेल भोपाल में लंबी-लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा, खाली सिलेंडरों के साथ लोगों और अस्पताल के प्रतिनिधियों की अपने वाहनों के साथ कतारें इतनी लंबी है कि उन्हें अपनी बारी के लिए छह से सात घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ट्वीट किया, आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से फोन पर चर्चा की और भोपाल स्थित भेल प्लांट से भोपाल के अस्पतालों के लिए और अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति पर बात की। भेल के ईडी (एक्जीक्यूटी डायरेक्टर) इस संबंध में आज शाम मिलकर इस विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगे। इस बीच, मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार से 22 अप्रैल से 643 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति मिली है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को राज्य को 463 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं। प्रदेश के 34 जिलों में स्थानीय व्यवस्था से 1000 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं।(भाषा)