भोपाल। कोरोना काल के संकट के समय मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में रोजगार के लिए जाने वाले मजदूरों को पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके साथ प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए प्रदेश में प्रवासी मजदूर कमीशन बनाया जाएगा।
प्रदेश के नाम अपने संबोधन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रवासी मजदूरों को लेकर कई बड़े एलान किए। मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के चलते प्रवासी मजदूरों की तकलीफ पर चिंता जताते हुए कहा कि अब प्रदेश से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों को बाहर जाने से पहले कलेक्टर के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिससे जहां भी वह जाए वहां उनका ध्यान रखा जा सके।
इसके साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रवासी मजदूर कमीशन बनाने का एलान किया। जिससे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सके। इसके साथ बाहर से लौटे ऐसे प्रवासी मजदूर जो हुनरमंद (स्किल) वाले है उनका रोजगार सेतु एप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर उनको स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने की कोशिश की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। कोरोना संकट के बाद प्रदेश के 6 लाख प्रवासी मजदूरों को उनको गांव और घर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि इसके साथ प्रदेश किसी अन्य राज्य के प्रवासी मजदूरों को पैदल नहीं चलने दिया गया है। उनको भोजन –पानी के साथ ऐसे मजदूरों को उनके राज्य की सीमा तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।
कोरोना संकट काल में प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए लिए श्रमसिद्धि अभियान प्रारंभ किया है। जिसके तहत अब तक 5 लाख 40 हजार से अधिक जॉब कार्ड बने है और आज 23 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा में रोजगार मिला है।