भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार बढ़े हुए बिजली के बिलों की शिकायत और लॉकडाउन के दौरान उद्योगों को बिजली के बिलों को लेकर शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला किया है। प्रदेश के नाम अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीने से व्यवसाय और उद्योगों में काम बंद थे। इस दौरान सबसे अधिक चिंता बिजली के फिक्स चार्जेस को लेकर थी। इस बड़ी कठिनाई को कम करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है ।
घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत- संबल के हितग्राही तथा ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके बिजली के बिल अप्रैल में 100 रुपए तक आए थे तथा मई, जून, जुलाई में भी 100 रुपए से कम आएंगे उन्हें मई, जून, जुलाई की राशि के स्थान पर सिर्फ 50 रुपए महीने का भुगतान करना होगा।
वहीं ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके बिजली के बिल अप्रैल के महीने में 100 रुपए से कम आए थे किन्तु मई ,जून और जुलाई माह में 100 रुपये से अधिक परंतु 400 रुपए से कम आए हैं या आएंगे, तो उन्हें मई, जून और जुलाई माह के बिल की राशि के स्थान पर सिर्फ 100 रुपए प्रतिमाह का भुगतान करना होगा।
ऐसे घरेलू उपभोक्ता, जिनके बिजली के बिल माह अप्रैल में 100 रुपए से अधिक परन्तु 400 रुपए से कम आए थे किन्तु मई, जून और जुलाई माह में रुपए 400 से ज्यादा आए हैं या आएंगे, तो उन्हें मई, जून और जुलाई माह के बिल की राशि की आधी राशि का ही भुगतान करना होगा। शेष बिल की राशि की जांच के उपरांत निर्णय लिया जा सकेगा। इससे लगभग 8 लाख हितग्राहियों को बिल की राशि का आधा भुगतान ही करना होगा। इसके साथ घरेलू उपभोक्ताओं को एप के माध्यम से स्वयं की रीडिंग भेजने की सुविधा प्रदान की गई है।
फिक्स चार्ज की वसूली पर रोक – सरकार ने सभी गैर-घरेलू,गैर-औद्योगिकी उपभोक्ताओं जैसे दुकानें, शोरूम, अस्पताल, रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन, पार्लर, एमएसएमई और बड़े उद्योग आदि के अप्रैल से जून महीने तक के बिजली बिलों के फ़िक्स चार्जेस की वसूली स्थगित कर दी है। फिक्स चार्ज की ये राशि अब अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 के बीच 6 समान किश्तों में बिना ब्याज के जमा की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उद्योग धंधे चलने लगे और बिजनेस पटरी पर आज जाए बिल देने की सुविधा दी गई है।
ऐसे उपभोक्ता जो अप्रैल और मई माह के बिलों का भुगतान नियत तिथि तक करने पर उन्हें 1 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि घरेलू तथा निम्न दाब उपभोक्ताओं के लिए रुपए 10,000/- अधिकतम एवं उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम 01 लाख रुपए होगी।