मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की बेकाबू होती गति को देखते हुए राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले लिए हैं। इनमें वीकेंड पर लॉकडाउन लगाना भी शामिल है। कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्य में वीकेंड पर लॉकडाउन लागू किया जाएगा। राज्य में नाइट कर्फ्यू और दिनभर धारा 144 लागू करने का भी फैसला लिया गया है। यह फैसले लेने से पहले सभी लोगों से बात की है। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के नियमों में ज्यादा सख्ती बरतने का भी फैसला लिया है। ये फैसले लिए गए-
- राज्य में रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।
- दिन में धारा 144 लागू रहेगी।
- मॉल, रेस्टोरेंट और बार को बंद किया जाएगा, डिलिवरी की सुविधा रहेगी।
- वीकेंड पर शुक्रवार की रात 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन लागू रहेगा।
- अत्यावश्यक सेवाओं को छूट रहेगी।
- इंडस्ट्री पूरी तरह चालू रहेगी। वर्कर्स पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
- जिन कंस्ट्रक्शन साइट्स पर कर्मचारियों के रहने की सुविधा है, वह काम चालू रहेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को फोन पर बात की थी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हालात बहुत गंभीर हैं, इसलिए कड़े प्रतिबंध लगाने होंगे। इस पर फडणवीस ने कहा कि जो जरूरी सहयोग चाहिए होगा, वे हम करेंगे।
औरंगाबाद में ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग बढ़ी : महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कोविड-19 मरीजों का उपचार करने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडरों की मांग तीन गुणा तक बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने यहां अस्पतालों में ऑक्सीजन भंडार क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं और ठेकेदारों से काम बढ़ाने के लिए कहा है। जिले में उपचार करा रहे कोविड-19 मरीजों की संख्या 15,341 तक पहुंच गई है और अस्पतालों और पृथकवास में रह रहे मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग बढ़ गई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के एक अधिकारी ने बताया कि 14 मार्च को जिले में ऑक्सीजन का उपभोग 17.10 टन प्रतिदिन था। अब यह बढ़कर 49.50 टन प्रतिदिन हो गया है।
अधिकारी ने बताया कि सरकार ने ऑक्सीजन की एक कीमत तय कर दी है और इसकी आपूर्ति 15.22 रूपये प्रति क्यूबिक मीटर की दर से हो रही है, जो कि अभी सबसे ज्यादा है। पहले यह कीमत घट कर 12 रूपये हो गई थी क्योंकि मांग कम थी।
एफडीए अधिकारियों ने बताया कि घरों में बड़ी संख्या में पृथकवास में रहने की सलाह दिए जाने के बाद अब घरों में ऑक्सीजन सिलिंडरों की मांग बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि भले ही पृथकवास में रहने वाले मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत न पड़े लेकिन बहुत से ऐसे मरीज एहतियात के तौर पर इसे मंगवा रहे हैं। स्थानीय आपूर्तिकर्ता अब्दुल हाकिम ने बताया कि इस साल जनवरी में वह अस्पतालों और घरों में करीब 200 ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लेकिन अब मांग प्रति महीना 750 से 800 सिलिंडर तक की हो गई है। इस बढती मांग को पूरा करने के लिए हमें 24 घंटे अपना केंद्र खोलने की जरूरत है, जिससे हमारा खर्चा भी बढ़ गया है।
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सिलिंडर को दोबारा भरने के शुल्क में भी पहले की तुलना में 50 रुपए तक वृ्द्धि हुई। उन्होंने कहा कि 7.5 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले एक ऑक्सीजन सिलेंडर को पहले 230 रुपये में भरा जाता था लेकिन अब इसकी कीमत बढ़कर 280 रुपए हो गई। हाकिम ने बताया कि पहले एक ऑक्सीजन सिलिंडर को खरीदने के लिए जमा राशि 7,000 रुपए थी, जो कि अब बढ़कर 10,000 रुपये तक हो गई है।
उन्होंने बताया कि अतिरिक्त श्रम शुल्क, यातायात शुल्क और 24 घंटे आपूर्ति केंद्र खोलने की वजह से भी कीमत में वृद्धि हुई है। जिला नगर अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि निजी और सरकारी अस्पतालों में यहां कुल 2,124 ऑक्सीजन बिस्तर और 532 आईसीयू बिस्तर हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को कोविड-19 के 1,394 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 86,981 हो गई। वहीं शनिवार को जिले में संक्रमण की वजह से 21 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 1,758 हो गई। जिले में अब तक 69,882 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।