मथुरा। पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से पैर पसार रही है। ऐसे में उत्तर भारत के वृंदावन स्थित रंगनाथ मंदिर में प्रसिद्ध रथ मेले का कोरोना काल में आयोजन हुआ। इस रथ यात्रा में कोरोना गाइड लाइन की जमकर अवहेलना की गई।
बड़ी तादाद में दूर-दराज से आयें रथ खींचने आए श्रद्धालुओं ने रथ खींचने की होड़ में कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई है, बिना मॉस्क और सोशल डिस्टेंस का खुलकर मजाक उड़ाते नजर आएं। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जुटना और कोविड नियमों के उल्लंघन करने पर मेला आयोजक और मथुरा प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है। मथुरा जिला भी इससे अछूता नही है, पिछले चौबीस घंटों में 68 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अब मथुरा में कोरोना के एक्टिव पेशेंट की संख्या 274 हो गई है।
ऐसे में वृंदावन रंगनाथ मंदिर में धूमधाम से रथ यात्रा निकाली गई, जबकि बीते 24 घंटों में वृन्दावन में 36 कोरोना पॉजिटिव पाये गये है। इतने कोरोना पेशेंट मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन आंख पर पट्टी बांधकर बैठा हुआ है।
कोरोना की दूसरी लहर तेजी से विस्तार ले रही है, तब भी मथुरा प्रशासन ने उदासीनता के चलते अब तक जिले में सार्वजनिक कार्यकर्मों पर रोक नहीं लगाई है। वृंदावन में आज रंगनाथ मंदिर की रथ यात्रा में हजारों की संख्या में श्रृद्धालु मौजूद थे, सभी रथ को खींचने की होड़ में थे, किसी ने न तो मास्क लगा रखा था और न ही सोशल डिस्टेंस। कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती दिखाई दी, रथ यात्रा में बड़ी संख्या में बच्चे, बड़े और बुजुर्ग शामिल हुए।
जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण फैलने से राज्य सरकार काफी चिंतित है, स्कूल बंद कर.दिये गये है और सरकार लगातार लोगों से कोविड नियमों का अनुपालन करने की अपील कर रही है।
उत्तर-प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखकर इस तरह के आयोजनों पर रोक होनी चाहिए। यदि परंपरा को जीवित रखने की बात है तो कोविड के नियमों के तहत कुछ लोगों को अनुमति प्रदान करते हुए आयोजन किया जाएं तो सबका जीवन सुरक्षित रहेगा।