मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोनावायरस मामलों की रफ्तार फिर बढ़ गई है। महाराष्ट्र सरकार के कोविड-19 कार्यबल के एक वरिष्ठ सदस्य ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन कठोर उपाय है और वायरस को फैलने से रोकने में इसकी प्रभावकारिता सीमित है।
कार्यबल के सदस्य और चिकित्सक डॉ. शशांक जोशी के मुताबिक दोहरा मास्क पहनने(चेहरे को ढंकने के लिए दोहरे स्तर का मास्क पहनने) और सूक्ष्म निरूद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देना प्रभावी हो सकता है। महाराष्ट्र में इस महीने संक्रमण में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
उन्होंने एक पैनल चर्चा में कहा कि लॉकडाउन कठोर उपाय है। यह (लागू करना) आसान प्रतीत होता है लेकिन इसकी जरूरत नहीं है और रात्रि कर्फ्यू लगाने का कोई मतलब नहीं है।
यह पूछने पर कि वर्तमान स्थिति में सरकार को क्या करना चाहिए, जोशी ने कहा कि दोहरा मास्क लगाना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, साफ-सफाई में एहतियात बरतना और सूक्ष्म निरूद्ध क्षेत्रों का निर्माण करना सही उपाय है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस टीका के वितरण का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोविन ऐप के साथ कुछ समस्या है जिससे टीकाकरण प्रक्रिया धीमी होती जा रही है। अगर राज्य को अधिक शक्ति मिलती है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को कवर करने में सहयोग मिलेगा।
कोविड-19 के प्रसार पर राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा कि कोरोना वायरस का टीका सुरक्षित है और देश में एक करोड़ से अधिक लोगों को यह टीका दिया जा चुका है और इससे किसी की मृत्यु नहीं हुई है अथवा कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र को टीकाकरण अभियान में तेजी लाना चाहिए और टीका वितरण में राज्य सरकारों को ज्यादा अधिकार दिए जाने चाहिए। महाराष्ट्र में शुक्रवार को केवल 14 हजार लोगों को टीका लगाया गया जबकि राज्य में नए संक्रमण में बढ़ोतरी हो रही है। (भाषा)