कोरोनावायरस की मार झेल रही दुनिया में कोई भी देश नहीं चाहता कि कोई उनके यहां घूमने आए। लेकिन मालदीव पहला ऐसा देश है, जिसने पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे खोले थे। यह देश पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है और अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक रखने के अब उसने वैक्सीन टूरिज्म को प्रमोट किया है।
मालदीव के अधिकारियों की योजना यहां पहुंचने पर पर्यटकों को वैक्सीन लगाने की है, ताकि बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने आ सके।
देश के पर्यटन मंत्री डॉ अब्दुल्ला मौसूम ने कहा कि मालदीव '3वी टूरिज्म' स्कीम को तैयार कर रहा है। इसके तहत पर्यटकों को 'विजिट, वैक्सीनेट और वेकेशन' (आइए, वैक्सीन लगवाइए और छुट्टियां मनाइए) की सुविधा मिलेगी।
मौसूम के मुताबिक देश में घूमने आने वाले पर्यटक को वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। इसका मतलब है कि इस स्कीम के तहत आने वाले पर्यटकों को मालदीव में कुछ हफ्ते गुजारने होंगे। उन्हें उम्मीद है कि इससे एक बार फिर पर्यटन को बूस्ट मिलेगा। बता दें कि मालदीव में हर साल 17 लाख लोग घूमने पहुंचते हैं।
मालदीव के 'वैक्सीनेशन पैकेज' को लेने के लिए इच्छुक पर्यटकों को अभी कुछ समय इंतजार करने की जरूरत है। '3वी' स्कीम की शुरुआत तब तक नहीं की जाएगी, जब तक कि मालदीव की 5.5 लाख आबादी का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता है।
मालदीव के पर्यटन मंत्री ने कहा, टूरिज्म सेक्टर को खोलने के पीछे की वजह पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा और कम से कम असुविधा देना है। उन्होंने कहा कि एक बार देश के लोगों का वैक्सीनेशन हो जाएगा, तब हम '3वी टूरिज्म' स्कीम को लॉन्च कर देंगे।
मौसूम ने बताया कि देश की 53 फीसदी आबादी को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है, जिसमें 90 फीसदी फ्रंटलाइन टूरिज्म वर्कर्स हैं।