मुंबई। भारत बायोटेक का कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 का टीका कोवैक्सीन बनाने की अनुमति मिलने के बाद मुंबई की हाफकिन फर्मास्यूटिकल्स ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी को वास्तविक उत्पादन शुरू करने में एक वर्ष का समय लग जाएगा। सरकार द्वारा संचालित इस कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने प्रति वर्ष 22.8 करोड़ खुराक बनाने का लक्ष्य तय किया है।
हाफकिन फर्मास्यूटिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप राठौड़ ने कहा, हमारा लक्ष्य 22.8 करोड़ टीकों का प्रति वर्ष उत्पादन करना है, किंतु उत्पादन शुरू करने में हमें एक वर्ष लग जाएगा। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद की भारत बायोटेक ने सीएमआर के साथ मिलकर कोवैक्सीन विकसित की है। देशभर में कोविड टीकाकरण में जो दो टीके दिए जा रहे हैं, कोवैक्सीन उनमें से एक है।
डॉ. राठौड़ ने कहा कि कंपनी को उसके मुंबई के परेल संयंत्र में टीके का उत्पादन करने का अनुबंध मिला है।महाराष्ट्र सरकार के इस उपक्रम के प्रबंध निदेशक ने कहा, कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करने के मकसद से इस साल जनवरी में प्रस्ताव दिया गया था। यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जो इतनी बड़ी आबादी के टीकाकरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, कच्चे माल के उत्पादन के लिए संयंत्र लगाने के मकसद से एक आंतरिक दल के साथ-साथ एक तकनीकी दल भी रहेगा। जैसे ही हमें सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को लेकर केंद्र की अनुमति मिल जाएगी, हम टीके का उत्पादन शुरू कर देंगे।
डॉ. राठौड़ ने कहा, नए संयंत्र की स्थापित क्षमता प्रति वर्ष 22.8 करोड़ टीका खुराक बनाने की होगी और हम इसका अधिकतम उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा, हमें टीके के उत्पादन के लिए जैव-सुरक्षा स्तर (बीएसएल-3) प्रयोगशाला की आवश्यकता है, जिसमें हाफकिन को इस सुविधा के लिए सात से आठ महीने का समय लगेगा।
व्यवस्था होने के बाद केंद्रीय एजेंसियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और सभी गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के बाद उत्पादन शुरू किया जाएगा। हम एक वर्ष की अवधि में टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए आशान्वित हैं।केन्द्र सरकार ने भारत बायोटेक के कोरोनावायरस रोधी टीके कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए हाफकिन इंस्टीट्यूट को अपनी अनुमति दे दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अधिकारी ने कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहले केंद्र से अनुरोध किया था कि वह हाफकिन इंस्टीट्यूट को कोवैक्सीन का उत्पादन करने की अनुमति दे। अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को एक अनुमोदन पत्र भेजा है।
उन्होंने कहा, स्वरूप ने राज्य सरकार को सूचित किया कि केन्द्र ने कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए हाफकिन बायो-फर्मास्यूटिकल्स कॉरपोरेशन को अनुमति दे दी है। ऐसा विशेषज्ञों द्वारा दी गई मंजूरी के बाद किया गया।(भाषा)