सूरत। हाल में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की दूसरी लहर बढ़ने के साथ प्रवासी कामगारों के शहर छोड़कर गांवों की तरफ जाने के मामले में गुजरात के सूरत शहर के हीरा उद्योग का दावा है कि मौजूदा परिवेश का उसके कामकाज पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा है।
ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि कोविड-19 के मामले बढ़ने और लॉकडाउन लगने की आशंका में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने गांवों की तरफ जाने लगे हैं। सूरत डायमंड एसोसिएशन के मुताबिक, सूरत शहर में 3000 के करीब छोटे और बड़े हीरा कारोबारियों द्वारा पांच लाख कर्मचारियों को काम पर रखा गया है।
यहां ज्यादातर प्रवासी मजदूर सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात के हैं जबकि केवल 10 प्रतिशत कामगार ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार से आते हैं। सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष नानू वेकारिया ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन पांच लाख कर्मचारियों में से केवल पांच प्रतिशत ही हाल में अपने गांवों को गए हैं। इनमें गुजरात और गुजरात से बाहर दोनों जगह के कामगार हो सकते हैं।
वेकारिया ने कहा, कुछ प्रवासी मजदूर तो शादी-ब्याह और दूसरे सामाजिक कार्यों में शामिल होने के लिए गए हैं, जबकि कुछ लोग लॉकडाउन के डर से भी शहर छोड़कर गए हैं। वहीं कुछ अपने बीमार माता-पिता और संबंधियों की खोज-खबर लेने भी गए हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक डायमंड पॉलिश उद्योग पर इसका कोई असर नहीं है।हीरे कटिंग और उसे पालिश करने वाले ज्यादातर उद्यमों में कामकाज जारी है। थोड़े-बहुत मजदूर गए हैं जैसे ही स्थिति सामान्य होगी वह भी लौट आएंगे। बहरहाल, अब तक हीरा उद्योग पर प्रवासी मजदूरों के पलायन का कोई असर नहीं है।(भाषा)