नई दिल्ली। भारत में 75 दिन के लॉकडाउन के बाद सोमवार को कई हिस्सों में मॉल, प्रार्थना स्थल और दफ्तर खुले, लेकिन लोगों की संख्या सीमित रही और परिसर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया।
देश में तेजी से बढ़ते कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के मामलों के बीच मॉल, प्रार्थना स्थल और दफ्तर तो खोल दिए गए लेकिन क्या करना और क्या नहीं करना है, इसकी एक सूची है जिसमें साफ- सफाई, शरीर के तापमान की जांच, स्वच्छता टनल, टोकनों के आधार पर प्रवेश और मंदिर में प्रसाद नहीं दिया जाना शामिल है। हालांकि इन प्रतिष्ठानों को निषिद्ध क्षेत्र के बाहर के इलाकों में खोला गया है। देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोनावायरस के मामले 2.56 लाख से ज्यादा हो गए हैं और करीब 7200 लोगों लोगों की मौत हुई है। गैर निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन चरणबद्ध तरीके से खोला गया, कई मॉल में 25 मार्च के बाद पहली बार दुकानें खुलीं लेकिन लोग नदारद रहे।
दिल्ली के सेलेक्ट सिटी मॉल में दुकान सहायकों ने दुकान में सामानों को व्यवस्थित किया। उन्होंने ग्राहकों के लिए 'हमें आपकी कमी खली, हम आपका स्वागत करते हैं', जैसे बोर्ड लगाए लेकिन कुछ ही लोग मॉल में पहुंचे और वे भी काम के सिलसिले में, फालतू घूमने नहीं। कुछ रेस्तरां खुले, लेकिन वेटरों ने फेस शील्ड (चेहरे पर शीशा) लगाया हुआ था, और ग्राहक भी मेज पर मास्क लगाकर एक-दूसरे से सुरक्षित दूरी पर बैठे थे। कुछ रेस्तरां पर ग्राहकों को मेनू की डिजिटल प्रति दी गई।
उधर, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत केंद्रीय तौर पर संरक्षित 820 स्थलों को खोलने को मंजूरी दे दी। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघरों के दरवाजे काफी वक्त बाद खुले, लेकिन सामाजिक दूरी के नियम के मद्देनजर श्रद्धालुओं का प्रवेश समिति संख्या में रखा गया। कुछ स्थानों पर मंदिर की घंटियों को कपड़े से लपेटा गया था।
सरकार ने पिछले हफ्ते निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर के हिस्सों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उसका सख्ती से पालन जरूरी बनाया गया है। एसओपी परामर्श था और अंतिम फैसला राज्यों पर छोड़ा गया था। इसलिए महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड ने मॉल और प्रार्थना स्थलों को बंद रखने का निर्णय किया है, वहीं कुछ राज्यों ने पाबंदियों में ढील देने का निर्णय किया।
दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं को लंबे समय के बाद प्रवेश दिया गया। तिरुपति प्रख्यात भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में तीन दिनों का परीक्षण शुरू हुआ। मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि दो हजार से अधिक वर्ष पुराने मंदिर में करीब छह हजार कर्मचारियों को दर्शन की इजाजत दी गई।
उन्होंने कहा कि पूजा करने से पहले सभी श्रद्धालुओं ने अपने हाथों को सैनेटाइजर से साफ किया। दिल्ली का छतरपुर मंदिर परिसर, हैदराबाद का भगवान वेंकटेश्वर मंदिर, पटना में महावीर मंदिर, भद्राचलम में श्रीराम मंदिर, उडुपी में मूकाम्बिका मंदिर समेत कई मंदिरों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खुले। सभी स्थानों पर श्रद्धालुओं के मास्क पहनने, सफाई, सामाजिक दूरी का पालन करना और लोगों के प्रवेश को नियमित करने के नियम का पालन किया गया।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर खोला गया लेकिन कोरोनावायरस के मद्देनजर एहतियात बरती गई। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि एक वक्त में सिर्फ पांच लोगों को मंदिर में दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है और वह भी रामलला की मूर्ति से करीब 15 मीटर दूर से।
उन्होंने कहा, प्रसाद नहीं दिया जाएगा और भक्तों को कोरोनावायरस प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।दिल्ली का छतरपुर मंदिर परिसर सुबह करीब पौने नौ बजे खोला गया और शुरुआती एक घंटे में करीब 300 भक्तों ने दर्शन किए।
छतरपुर मंदिर प्रबंधन समिति के सीईओ किशोर चावला ने कहा, हमने मंदिर के प्रवेश पर एक सैनेटाइजेशन टनल लगाई है और लोगों की स्क्रीनिंग करने के लिए थर्मल गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रसाद और फूलों की अनुमति नहीं है।पुरानी दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद फज्र (सूरज निकलने से पहले पढ़ी जाने वाली) नमाज़ के लिए सुबह पांच बजे नहीं खुली, लेकिन नमाज़ियों ने जोहर (दोपहर की नमाज़) और बाद की नमाज़ें मस्जिद में अदा कीं।
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बताया, जमात (सामूहिक) के साथ नमाज़ पढ़ने के दौरान सामाजिक दूरी और साफ-सफाई के नियमों का पालन किया गया।गुरुद्वारे भी खोले गए। बंगला साहिब गुरुद्वारे में कुछ श्रद्धालु जरूर थे, लेकिन सरोवर के आसपास हलचल नहीं थी और स्थान सूना पड़ा था।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है और सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोग गर्भगृह में अंदर तक नहीं जाएं। स्वर्ण मंदिर में पंजाब सरकार के लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ और इसने लंगर, सामूहिक भोजन शुरू किया और प्रसाद बांटा।
स्वर्ण मंदिर में एक श्रद्धालु ने बताया, हम प्रार्थना करते हैं कि सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद से दुनिया कोरोनावायरस बीमारी से मुक्त हो।कर्नाटक में भी प्रार्थना स्थल, होटल और रेस्तरां खोले गए।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंदिर दर्शन के लिए खोले गए हैं, लेकिन विशेष पूजा करने की इजाजत नहीं है। उडुपी जिले के मूकांबिका मंदिर के प्रबंधन ने बताया कि मंदिर में अगले 15 दिन तक 60 साल से अधिक और 10 साल कम उम्र के लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है। सभी श्रद्धालुओं को मास्क लगाना और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना जरूरी है।
कई मस्जिदों की प्रबंधन समितियों ने बताया कि नमाज़ चटाई पर नहीं पढ़ी जा रही है और मस्जिद में वुजु के लिए पानी भी नहीं दिया जा रहा है। कुछ मस्जिदों ने तो नमाज़ियों से घर में ही नमाज़ पढ़ने की गुजारिश की है। बेंगलुरु के आर्क डाइसीस ने कहा कि गिरजाघरों को खोलने का फैसला 13 जून तक टाल दिया गया है।
तमिलनाडु में कुछ वक्त पहले दुकानें खोल दी गई थीं लेकिन रेस्तरां बैठकर खाने के लिए बंद हैं। हां, खाने को पैक कराकर ले जाया जा सकता है। पश्चिम बंगाल में मॉल, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठान खोल दिए गए हैं। ममता बनर्जी सरकार ने एक जून को पाबंदियों में राहत देते हुए, इबादतगाहों को खोलने और जूट, चाय और निर्माण क्षेत्रों को पूरी तरह से काम से करने की अनुमति दे दी थी। बंगाल में भी 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।
कोलकाता में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आए और सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन किया। वहीं कई जगह से यातायात जाम की भी सूचना है। सरकारी दफ्तरों ने 70 फीसदी हाजिरी के साथ काम करना शुरू कर दिया है और अधिकतर निजी कार्यालय भी लगभग सामान्य की तरह काम कर रहे हैं।
उधर महाराष्ट्र में मॉल और धार्मिक स्थल बंद रहे लेकिन दफ्तर और अन्य दुकानें खोली गईं। राज्य की राजधानी मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और लॉअर परेल में दफ्तरों में कामकाज शुरू हो गया। दादर, कोलाबा और कुर्ला में भी अहम बाजारों की दुकानें खुल गई हैं।
लॉकडाउन के 30 जून तक अमल में रहने के बीच अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए निजी दफ्तरों को 10 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम करने की इजाजत दी गई है। महाराष्ट्र में मिशन बिगिन अगेन की शुरुआत हुई, जहां कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 85 हजार से अधिक हो गई है जबकि तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
सरकारी बसों का संचालन करने वाले बेस्ट ने एक बयान में बताया कि दोपहर तक शहर में करीब 2100 बसें चलाई गईं। केरल में भी सरकारी दफ्तरों ने सोमवार को पूरे कर्मचारियों के साथ काम करना शुरू कर दिया। इस बाबत सरकार ने आदेश दिया था।
ओडिशा ने धार्मिक स्थान, मॉल, होटल और रेस्तरां 30 जून तक बंद रखने का फैसला किया है। इस बाबत रविवार देर शाम एक स्पष्टीकरण जारी किया गया था। अधिसूचना में बताया गया कि होटलों और रेस्तरां से होम डिलिवरी की अनुमति है।(भाषा)