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मांडविया बोले, omicron मामले में भारत की रणनीति अन्य देशों की तुलना में बेहतर रही

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, गुरुवार, 17 मार्च 2022 (22:21 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को कहा कि भारत के कोविड-19 महामारी प्रबंधन और विशेष रूप से ओमिक्रॉन के मामलों की हालिया तीव्र वृद्धि के दौरान इसने मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, आत्मनिर्भरता, प्रौद्योगिकी संचालित नवोन्मेष तथा सहयोगी कोशिशों को विश्व के समक्ष मजबूती से प्रदर्शित किया है।

 
उन्होंने एक वेबिनार में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि जन स्वास्थ्य उपायों की भारत की रणनीतियों ने ओमिक्रॉन के मामले तेजी से सामने आने के दौरान कई अन्य देशों की तुलना में वायरस के इस नए स्वरूप का बेहतर प्रबंधन करने में मदद की। 'कोविड-19 से निपटने में भारत के जन स्वास्थ्य उपाय' शीर्षक वाले वेबिनार का आयोजन नीति आयोग और 200 से अधिक गैरसरकारी संगठनों तथा नागरिक समाज संस्थाओं ने किया था।
 
मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब कई देशों में कोविड के दैनिक मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, भारत के दैनिक मामले घट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ देश में संक्रमण से उबरने की दर और टीकाकरण का आंकड़ा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जांच, संक्रमित का पता लगाने और जीनोम अनुक्रमण, रोकथाम, सामुदायिक निगरानी, घर पर क्वारंटाइन के लिए प्रोटोकॉल और प्रभावी उपचार सहित समय पर किए गए उपायों ने भारत के कोविड-19 प्रबंधन में योगदान दिया है।
 
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रबंधन और विशेष रूप से ओमिक्रॉन के मामलों में हालिया तीव्र वृद्धि के दौरान महामारी प्रबंधन ने मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति, आत्मनिर्भरता..., प्रौद्योगिकी संचालित नवोन्मेष, साझा लक्ष्यों और सहयोगी कोशिशों को एक समग्र सरकार एवं समग्र समुदाय के जरिए मजबूती से प्रदर्शित किया है।
 
नागरिकों की सहयोगी भावना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान इसकी क्षमताओं और लोगों की शक्ति गवाह है, जिनके बगैर यह सफर और टीकाकरण का यह उच्च कवरेज प्राप्त करना संभव नहीं हो पाता। मंत्री ने कहा कि एक मुख्य उपलब्धि विभिन्न क्षेत्रों में कोविड टीकों की 1.8 अरब खुराक की आपूर्ति करना है।
 
उन्होंने महामारी प्रबंधन में प्रौद्योगिकीय नवोन्मेष का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के प्रौद्योगिकी नवोन्मेष ने देश के टीकाकरण अभियान को गति दी। मांडविया ने 'वसुधैव कुटुम्बकम्' और 'शुभ लाभ' के भारतीय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण और वहनीय टीके उत्पादित किए हैं, बल्कि हमने मानवीय आधारों पर 150 से अधिक देशों को दवाइयां भी उपलब्ध कराई है। सरकार के वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम की विश्वभर में सराहना की गई है।
 
मंत्री ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले सभी एनजीओ, हितधारकों और नागरिक समाज संस्थाओं का आभार जताया, जिन्होंने माहामारी के दौरान विभिन्न तरीकों से लोगों को सहयोग करने के लिए समुदायों के बीच अथक कार्य किया। उन्होंने कहा कि मैं समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए उनसे संपर्क करने में आपसे भागीदारी जारी रखने का आग्रह करता हूं।
 
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के डॉ. मार्क एस्पोसितो ने कहा कि महामारी से निपटने में और टीकाकरण अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाए गए समग्र सरकार और समग्र समाज का रुख भविष्य में समान संकट या समान चुनौतियों से निपटने में एक प्रारूप काम करेगा।

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