मेरठ। दो दिन के संपूर्ण लॉकडाउन के बाद भी कोरोना संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज मेरठ में सर्वाधिक 93 कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया। कोरोना से 3 पीड़ितों की मौत के बाद यह आंकड़ा 109 हो गया। पश्चिमी उत्तरप्रदेश के मेरठ में अब तक सबसे ज्यादा मौत हुई है। यहां 3293 लोग अभी भी कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हैं।
मेरठ जिले में बढ़ते कोरोना मीटर को देखकर प्रशासन का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया है। मेरठ कमीश्नर अनीता मेश्राम ने समीक्षा बैठक बुलाकर सभी प्रशासनिक व स्वास्थ्य अधिकारियों तलब किया। इस दौरान उन्होंने एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम कम करने व कोरोना जांच बढ़ाने के आदेश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ितों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी और निजी अस्पतालों का सहयोग लें।
मेरठ कमिश्नर ने कहा कि कोरोना की कमर तोड़ने के लिए सभी साथ मिलकर काम करें। कंटेनमेंट जोन में घर- घर जाकर सर्वे हो, संदिग्ध लक्षण वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच होनी चाहिए। मेरठ में अभी 358 एक्टिव कंटेनमेंट जोन हैं, वहीं 117 होम आइसोलेशन में मरीज हैं जबकि कोरोना संक्रमित 3293 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मेरठ में लगातार हो रही जांच के बाद कोरोना संक्रमण चिंता का विषय है। कोरोनावायरस की चपेट में डॉक्टर, वकील, छात्र, गृहिणी, पुलिस, सैनिक और नेता कोई नहीं बचा है। यहां मरीजों की संख्या बढ़ने का बड़ा कारण है लोगों की लापरवाही है, जो इस बीमारी को हल्के में लेकर बेखौफ होकर लॉकडाउन में सड़कों पर घूमते हैं। बाजारों में भीड़ हो रही है, सोशल डिस्टेंस कहीं दिखाई नही देता है। वहीं लोग बिना मास्क सड़क पर घूमते हुए कोरोना को खुद निमत्रंण दे रहे हैं।
यही स्थिति रही तो फिर से मेरठ में पूर्ण लॉकडाउन करना पड़ेगा, क्योंकि अभी शनिवार और रविवार को बंदी रहती है, लेकिन लोग उन्मुख होकर घूम रहे हैं। जिसका परिणाम यह है कि कोरोना संक्रमण कम होने की जगह बढ़ रहा है।