लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहराइच से पैसा कमाने के लिए मुंबई गया युवक कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 महामारी के चलते पैसा तो नहीं कमा पाया लेकिन जब जमा पूंजी खत्म होने लगी तो मजबूर होकर मुंबई से उत्तर प्रदेश के बहराइच अपने गांव के लिए निकल पड़ा पर उसे या नहीं मालूम था यह सफर उसकी जिंदगी का अंतिम सफर होगा और घर की दहलीज पर पहुंचने से पहले कुछ दूरी पर ही उसकी जिंदगी खत्म हो जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बहराइच के रानीगंज थाना अंतर्गत मकसूद पुर गांव का रहने वाला खुशबुद्दीन कुछ माह पूर्व चाचा इकबाल और भाई सलाउद्दीन के साथ नौकरी की तलाश में मुंबई गया था। लेकिन इस बीच नौकरी तो ना मिली लेकिन वह अपने रिश्तेदारों के साथ लॉकडाउन होने पर फंस गया।
गांव से जो कुछ पैसे लेकर आया था जब वह खत्म होने लगे तो अपने रिश्तेदारों के साथ पैदल ही मुंबई से उत्तर प्रदेश के बहराइच के लिए निकल पड़ा। रास्ते में जहां जैसा साधन मिलता उसमें बैठकर आगे बढ़ जाता। इसी तरह तीनों उत्तर प्रदेश के बहराइच के लिए बढ़ रहे थे लेकिन शनिवार की शाम खुशबुद्दीन को तेज बुखार आ गया।
उसके साथ चल रहे सलाउद्दीन ने एक स्थान पर गाड़ी को रुकवाकर मेडिकल स्टोर से दवा दिलवाई लेकिन उसके हालात में कोई सुधार नहीं हुआ जब देर रात ट्रक चालक ने उन सभी को कानपुर के रामादेवी चौराहे पर उतार दिया।
लेकिन जब खुशबुद्दीन की हालत ज्यादा खराब हो गई तो उसके साथ चल रहे सलाउद्दीन ने इसकी जानकारी चौराहे पर मौजूद पुलिस वालों को दी और फिर उसको पास के निजी अस्पताल ले जा रहे थे तभी रास्ते में उसे उल्टी हुई और जब अस्पताल पहुंचे तो उसे मृत घोषित कर दिया गया।
थाना प्रभारी रामकुमार गुप्ता ने बताया कि रविवार को प्रवासी मजदूर मृतक खुशबूद्दीन उम्र करीब 16 वर्ष पुत्र मुबारक खान अपने सगे भाई सलाहुद्दीन एवं चाचा छक्कन खान निवासी अव्वल मकसूदपुर थाना रानीपुर जिला बहारइच जो मुंबई से आकर रामादेवी चौराहा, जनपद कानपुर नगर पर उतरे तथा ड्यूटी पर तैनात पुलिस से तबियत खराब होने की बात बताई।
उन्हें तेज बुखार को देखते हुए ड्यूटी पर लगे पुलिसबल द्वारा तत्काल रक्षा अस्पताल, हरजेन्दरनगर कानपुर नगर ले जाया गया। लेकिन अस्पताल के गेट पर ही खुशबूद्दीन की मौत। मृतक को कोविड-19 संक्रमण का संदेह है, जिससे कोविड-19 संक्रमण प्रोटोकाल का पालन करते हुए अन्तिम संस्कार की कार्यवाही नियमानुसार कराई जा रही है।