नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई आज दुनिया को प्रेरित कर रही है और इस सफलता में योग तथा आयुर्वेद ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। श्रीरामचंद्र मिशन के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक समारोह को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत को आध्यात्मिक और स्वास्थ्य पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि आज विश्व भागमभाग वाली जीवनशैली से उपजी बीमारियों से लेकर महामारी, अवसाद और आतंकवाद तक की परेशानियों से जूझ रहा है और ऐसी स्थिति में योग विश्व के लिए आशा की किरण की तरह है। आम जिंदगी की छोटी-छोटी सतर्कता से कैसे बड़े संकटों से पार पाया जाता है, इसका उदाहरण पूरी दुनिया ने कोरोना काल के दौरान देखा है।
उन्होंने कहा कि हम सभी इस बात के भी साक्षी हैं कि कैसे 130 करोड़ भारतीयों की सतर्कता कोरोना की लड़ाई में दुनिया के लिए मिसाल बन गई। इस लड़ाई में हमारे घरों में सिखाई गई बातें, आदतें और योग-आयुर्वेद ने भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई हैं। इस महामारी की शुरुआत में भारत की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया चिंतित थी लेकिन आज कोरोना से भारत की लड़ाई दुनियाभर को प्रेरित कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य को लेकर बेहद गंभीर है और इस सिलसिले में भारत के पास उसे देने के लिए बहुत कुछ है। आइए, हम सभी भारत को आध्यात्मिक और स्वास्थ्य पर्यटन के केंद्र के रूप में विकिसत करें। हमारा योग और आयुर्वेद स्वस्थ दुनिया के लिए बहुत योगदान कर सकता है। हमारा लक्ष्य है कि दुनिया को इसे उसी रूप में पेश करें जिस भाषा में वह समझे। इसके फायदों के बारे में हमें वैज्ञानिक तरीके से समझाना होगा और विश्व के लोगों को भारत में नया जीवन मिले, इसके लिए आमंत्रित करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की भलाई के लिए भारत आज मानव केंद्रित रुख अपना रहा है। पिछले 6 सालों में केंद्र सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं को मूर्तरूप दिया है और इनका लक्ष्य गरीबों को सम्मानपूर्वक जिंदगी देना है। कोरोना के बाद अब योग और ध्यान को लेकर पूरी दुनिया में गंभीरता और बढ़ रही है। योग के साथ ध्यान की भी आज के विश्व को बहुत अधिक आवश्यकता है। अवसाद आज मानव जीवन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है और योग और ध्यान के जरिए इस समस्या से निपटा जा सकता है। (भाषा)