नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड कंपनियों ने बीते साल (2020) कोरोना वायरस महामारी के बावजूद 72 लाख फोलियो जोड़े। ऊंची खर्च योग्य आय और बैंक जमा पर कम ब्याज की वजह से निवेशकों का म्यूचुअल फंड के प्रति आकर्षण बढ़ा है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने यह जानकारी दी है। इसकी तुलना में 2019 में म्यूचुअल फंड उद्योग ने 68 लाख फोलियो जोड़े थे। फोलियो वह संख्या है जो व्यक्तिगत निवेशक खाते को दी जाती है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं।
एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2020 के अंत तक 45 म्यूचुअल फंड कंपनियों के कुल फोलियो की संख्या 72 लाख बढ़कर 9.43 करोड़ पर पहुंच गई। दिसंबर, 2019 के अंत तक यह 8.71 करोड़ थी।
माईवेल्थग्रोथ डॉट कॉम के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान बाजार में करेक्शन और सुधार के चरण में निवेशकों ने अपने म्यूचुअल फंड निवेश को बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि पहली बार के निवेशकों ने भी इस दौरान म्यूचुअल फंड में निवेश किया। वहीं मौजूदा निवेशकों ने अपने निवेश का नई योजनाओं में विविधीकरण किया। इन दोनों वजहों से फोलियो की संख्या में इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि यह संख्या और अधिक हो सकती थी, लेकिन निवेशकों के एक वर्ग ने मुनाफावसूली भी की।
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि डिजिटल निवेश मंचों की वजह से खाता खोलना आसान हो गया है। इससे निवेशकों की म्यूचुअल फंड तक पहुंच सुगम हुई है। (भाषा)