नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता के मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में जुटे और ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को परेशान करने और उन पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़े दंड का प्रावधान करते हुए बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।
मोदी ने कहा कि यह अध्यादेश हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महामारी संशोधन अध्यादेश 2020 कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर किए गए अध्यादेश में कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है जिसमें 7 साल तक की सजा और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
आईएमए ने की थी गृहमंत्री से चर्चा : कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सांकेतिक विरोध का आह्वान किया था। हालांकि गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा के बाद उन्होंने विरोध वापस ले लिया।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टरों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। (भाषा)