नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने गुरुवार को एक मोबाइल ऐप की शुरुआत की। इस ऐप के जरिए खासकर कोरोनावायरस महामारी के दौरान जरूरत पड़ने पर ‘सुरक्षित रक्त’ तक लोगों की आसानी से पहुंच हो सकेगी।
अधिकारियों ने बताया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सीडीएसी) की ई-रक्तकोष टीम द्वारा तैयार ऐप से इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की रक्त सेवाओं तक एक मंच से पहुंच होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले कुछ महीने में कई लोगों ने मुझसे शिकायत की थी कि सुरक्षित रक्त हासिल करने में उन्हें कठिनाइयां हो रही हैं। कुछ लोगों को उनके परिवारों में चिकित्सकीय स्थिति के कारण नियमित तौर पर रक्त से जुड़ी सेवाओं की जरूरत होती है। इस ऐप के जरिए एक समय चार यूनिट खून का अनुरोध किया जा सकता है और इसे लेने वाले व्यक्ति के लिए रक्त बैंक 12 घंटे इंतजार करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसे समय जब देश महामारी का सामना कर रहा है, यह ऐप खून की जरूरत वाले सभी लोगों को राहत प्रदान करेगा। इस ऐप के जरिए लोग दिल्ली में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के राष्ट्रीय मुख्यालय में रक्त की उपलब्धता के बारे में जान पाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ऐप के जरिए एक बार अनुरोध करने पर रक्त बैंक के राष्ट्रीय मुख्यालय को ई-रक्तकोष के डैसबोर्ड में खून के लिए मांग की गई यूनिट का पता चलेगा और तय समय के भीतर इससे आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
अधिकारियों ने बताया कि ऐप के जरिए देश में रेडक्रॉस के दूसरे रक्त बैंक में उपलब्ध रक्त का भी पता चलेगा। रक्तदान करने वालों को भी निर्धारित स्थान या कैंप के बारे में इससे जानकारी मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से रक्तदान की अपील करते हुए कहा कि 65 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति साल में चार बार खून दे सकता है।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान सरकार के साथ ही आईआरसीएस भी सुरक्षित खून की समुचित आपूर्ति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रक्तदान के कैंप लगाने के लिए खून देने वालों को पास भी जारी किया गया है। देश में आईआरसीएस के सभी 89 रक्त बैंक और 1,100 शाखाओं के जरिए लॉकडाउन के दौरान एक लाख यूनिट खून का संग्रहण हुआ। (भाषा)