जम्मू। हालांकि जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस (Corona virus) के 4 ही मामले पॉजिटिव आए हैं, पर लद्दाख से आए 300 से अधिक लोगों को एकांतवास में रखे जाने के बाद पूरे जम्मू कश्मीर में सिविल कर्फ्यू जैसे हालात हैं। कोरोना वायरस संकट के चलते जम्मू जिले में सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगा दी गई है। पहले ही जम्मू कश्मीर के कई जिलों में यातायात को रोका जा चुका है। अब शिक्षकों को भी छुट्टी दे दी गई है। कोरोना का डर कितना था यह शुक्रवार को पूरी वादी में नमाजे जुम्मा पर भी नजर आया, जिसमें शिरकत करने वाले नाममात्र के ही थे।
शुक्रवार को पूरी वादी में यह डर नमाज-ए-जुम्मा पर नजर आया। नमाज-ए-जुम्मा के लिए कुछेक मस्जिदों के दरवाजे ही खुले और उनमें भी नमाजियों की संख्या नाममात्र रही। कई मस्जिद तो नमाज के लिए खोली ही नहीं गई। अलबत्ता, अजान हर मस्जिद के मीनार से गूंजी। इस्लाम में शुक्रवार को दोपहर को अदा की जाने वाली नमाज-ए-जुम्मा बहुत ही अहम है और सभी मुस्लिमों के लिए इसमें शामिल होना अनिवार्य माना जाता है।
जम्मू कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती नासिर उल इस्लाम ने नमाज-ए-जुम्मा को स्थगित किए जाने से इंकार करते हुए कहा था कि सिर्फ पूरी तरह स्वस्थ लोग ही अपने-अपने क्षेत्र की मुख्य मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा के लिए आएं। जमीयत-ए-अहल-ए-हदीस ने गत गुरुवार को ही ऐलान किया था कि हालात सामान्य होने तक सभी सामूहिक मजहबी कार्यक्रम और सामूहिक नमाज-ए-जुम्मा के आयोजन को इस्लाम की रोशनी में टाला गया है।
कोरोना वायरस के बचाव के लिए प्रशासन द्वारा कक्षाओं को बंद करने के बाद आज से शिक्षकों को भी अवकाश पर भेज दिया गया है। शिक्षकों के अलावा स्कूल में काम करने वाले अन्य स्टाफ कर्मियों को अगले आदेश तक स्कूल न आने की हिदायत दी गई है। शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी असगर सैमून ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को तत्काल प्रभाव से इस पर अमल करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि उन्होंने इस आदेश में केंद्रीय परियोजनाओं में शामिल इंजीनियरों के साथ उनकी देखरेख कर रहे स्कूल हैडमास्टर, जोनल शिक्षा अधिकारी, प्रिंसिपल, मुख्य शिक्षा अधिकारी, एचओडी को छूट दी है। वह स्कूल तो जाएंगे लेकिन एक-दूसरे से दूरी बनाए रखेंगे।
जम्मू-कश्मीर में सिविल कर्फ्यू जैसे हालात हैं। दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद किए गए हैं। सुरक्षाबलों को तैनात किया गया और श्रीनगर तथा अन्य जिलों में पाबंदियों को लागू करने तथा लोगों की आवाजाही पर लगाम लगाने के लिए कांटेदार तार समेत बैरिकेड लगाए गए हैं। केवल सरकारी और आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को वैध पहचान पत्र, मीडियाकर्मियों और आपात सेवाओं को ही आवाजाही की अनुमति है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सुबह पाबंदियों की घोषणा करने के लिए लाउडस्पीकरों से लैस वाहनों का इस्तेमाल किया और लोगों से घरों में रहने तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि घाटी के ज्यादातर हिस्सों में शुक्रवार को दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक यातायात भी निलंबित कर दिया गया।