पुणे (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में कोरोनावायरस के मामले बढ़े रहे हैं और यहां से यह संक्रामक रोग पुणे और मुंबई जैसे अन्य इलाकों में भी फैल रहा है। कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने बुधवार रात पत्रकारों को बताया कि अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह देश के अन्य राज्यों में भी फैल सकता है।
अधिकारी ने मंगलवार को ही कोविड-19 का टीका लगवाया था। उन्होंने कहा कि जहां तक टीकाकरण की बात है, राज्य इससे बेहतर कर सकता था। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि बुधवार को भी जारी रही और राज्य में करीब 4 महीने बाद 1 दिन में 8 हजार से अधिक नए मामले सामने आए थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य में अभी तक वायरस के कुल 21,21,119 मामले सामने आए हैं।
अधिकारी ने कहा कि इसे दूसरी लहर कहना कठिन होगा, लेकिन विदर्भ में वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और अब यह पुणे और मुंबई जैसे अन्य जिलों में भी फैल रहा है। अगर इसे (महामारी को) नियंत्रित नहीं किया गया तो यह देश के अन्य राज्यों में भी फैल जाएगा। इसका प्रसार पूर्ण रूप से होगा, इसे लेकर पक्के तौर पर तो कोई नहीं कह सकता लेकिन इसमें प्रसार की क्षमता जरूर है। महाराष्ट्र में कोविड-19 के टीकाकरण के बारे सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य इससे बेहतर कर सकता था। राज्य में अभी तक कुल 10,80,675 लोगों को टीके लग चुके हैं।
नियमों के उल्लंघन के कारण मामलों में बढ़ोतरी: मुंबई से मिले समाचार के अनुसार कोविड-19 गृह क्वारंटाइन और सामाजिक दूरी के नियमों का घोर उल्लंघन और संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी गुरुवार को एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने दी। महाराष्ट्र में बुधवार को 1 दिन में 8807 नए मामले सामने आए जिससे राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 21,21,119 हो गई। राज्य में 4 महीने के अंतराल के बाद प्रति दिन 8,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं।
कोविड-19 महामारी पर राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा कि हम असहाय हैं क्योंकि लोग संक्रमण ठीक होने पर अस्पताल से छुट्टी मिलने या ऐसे किसी स्थान से लौटने के बाद गृह क्वारंटाइन के मूल दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं जहां निश्चित अवधि के लिए क्वारंटाइन अनिवार्य है।
अधिकारी ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि लॉकडाउन जैसे कड़े उपाय लागू करने होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व, गृह और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कई बैठकें हुई हैं जिनमें लोगों के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करने की खातिर तरीकों पर विचार-विमर्श हुआ।
राज्य की स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉ. अर्चना पाटिल ने कहा कि मैं मास्क, पीपीई किट, दवाएं जैसे सामानों की खरीद के लिए कई बैठकें कर रही हूं ताकि जरूरत पड़ने पर हम अधिक संख्या में मरीजों को कोविड-19 देखभाल केंद्रों में जगह दे सकें। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले 3 हफ्ते में कई राजनीति रैलियां एवं सभाएं हुईं। उन्होंने कहा कि अगर नेता थोड़े राजनीति लाभ हासिल करने में ज्यादा रुचि रखते हैं तो इसके दुष्परिणाम होंगे और कोविड-19 रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। (भाषा)