नई दिल्ली। कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच खबरें हैं कि डराने वाली खबर सामने आ रही है कि देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले सामने हैं। कर्नाटक में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 2 मामले सामने आए हैं। दोनों मरीज दक्षिण अफ्रीका से आए थे।
लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में ओमिक्रोन के 2 मामले दर्ज़ किए गए हैं। ये मामले कर्नाटक में मिले हैं। 66 साल के एक व्यक्ति और 46 साल के एक व्यक्ति में ओमिक्रोन का संक्रमण पाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों मरीजों की मॉनिटरिंग की जा रही और दोनों मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 66 साल और 46 साल के 2 पुरुष ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि विश्व में अभी भी कोविड के मामलों में तेजी देखी जा रही है। पिछले एक हफ्ते में दुनिया में 70% मामले यूरोप से आए हैं।
एक हफ्ते में यूरोप में 2.75 लाख कोविड मामले आए और 29,000 से अधिक मृत्यु एक हफ्ते में यूरोप में दर्ज़ की गई। 29 देशों में ओमिक्रोन के 373 मामले अब तक दर्ज़ किए गए हैं।
कर्नाटक के हुबली के स्कूल में एक छात्र कोविड पॉजिटिव पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि छात्र के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्कूल प्रबंधक ने एहतियातन टेस्ट करवाने की अपील की। हमने अब तक 127 छात्रों का टेस्ट किया है। स्कूल को पूरी तरह से सैनिटाइज करवा दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री की बैठक : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन पर बढ़ती चिंता के बीच प्रवेश के सभी बिंदुओं पर जांच और निगरानी के विषय पर बृहस्पतिवार को विमानतल और पत्तन स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य मंत्रालय, विभिन्न हवाई अड्डों से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सुझाव देता रहा है।
मंत्रालय ने कहा है कि खतरे वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन के पहले दिन तथा विशेष वर्ग के यात्रियों की आठवें दिन कोरोना वायरस संक्रमण जांच की जाए। खतरे वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को हवाई अड्डे पर तब तक इंतजार करने को कहा गया है जब तक आरटी पीसीआर जांच की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो जाती।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि संक्रमित पाए जाने वाले सभी नमूनों को तत्काल आईएनएसए सीओजी प्रयोगशालाओं में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाया जाए।