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देश में टीकाकरण अभियान की सभी तैयारियां पूरी, Covishield के इमरजेंसी इस्तेमाल को मिली मंजूरी

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, शनिवार, 2 जनवरी 2021 (00:23 IST)
नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए शनिवार से शुरू किए जाने वाले टीकाकरण अभियान (ड्राई रन) की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। टीकाकरण के अभियान को लेकर शुक्रवार को यहां इससे संबंधित विशेषज्ञों और देशी के औषधि नियंत्रकों की बैठकें हुईं जिसने टीकाकरण अभियान की सभी तैयारियों और टीका को लेकर अंतिम निर्णय किए गए।
 
राज्यों में टीकाकरण अभियान के लिए व्यापक तैयारी की गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तरप्रदेश में इसके लिए सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। दिल्ली में टीकाकरण अभियान को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
स्वास्थ्य मंत्रालय और इस अभियान से जुड़े अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपन्न हुई इस बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने टीकाकरण अभियान की तैयारियों का जायजा लिया।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि शहरों में वैक्सीन के पहुंचने, अस्पताल तक जाने, फिर डोज देने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा, यह एक अभ्यास की तरह है। डॉक्टर हर्षवर्धन के अनुसार राज्य सरकारों, जिला अधिकारियों और प्रखंड स्तर पर इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं।
 
उन्होंने आग्रह किया कि अभियान से जुड़े सभी अधिकारी सुनिश्चित करें कि टीकाकरण से जुड़े स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए। डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य और प्रशासनिक कर्मियों के बीच तालमेल पर ज़ोर देने की बात कही ताकि बाद में बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान को सफल बनाया जा सके। 
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उन्होंने 1994 के पल्स पोलियो अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि इतने बड़े स्तर पर होने वाले टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए सभी स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनो और ग़ैर सरकारी संस्थाओं की भागीदारी ज़रूरी है।

उन्होंने अधिकारियों से ग्राउंड स्टाफ, लॉजिस्टिक्स और कोल्ड स्टोरेज को दुरुस्त करने के लिए कहा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ड्राई रन की तैयारियों को लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव अमित सिंगला समेत कई अधिकारियों से भी वीडिओ कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात की। 
 
इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी : केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी एक विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड के कोरोनावायरस रोधी टीके कोविशील्ड के भारत में सीमित आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की जो कुछ नियामक प्रावधानों पर निर्भर करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
सूत्रों ने बताया कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत बायोटेक से उसके चल रहे क्लिनिकल परीक्षण के लिए प्रतिभागियों को शामिल करने की प्रक्रिया तेज करने को कहा। उसने यह भी कहा कि भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के लिए सीमित आपात उपयोग पर आगे विचार-विमर्श के लिए अंतरिम प्रभाव विश्लेषण किया जा सकता है।
 
विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पहले एसआईआई और भारत बायोटेक से अतिरिक्त सुरक्षा, प्रतिरक्षाजनत्व तथा प्रभाव संबंधी आंकड़े मांगे थे। समिति ने बुधवार को टीके के आपात उपयोग की मंजूरी (ईयूए) देने के उनके आवेदन पर विचार किया था और इस मामले में शुक्रवार को एक बार फिर समीक्षा बैठक की।
 
ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 रोधी टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश करते हुए समिति ने कुछ नियामक प्रावधान लागू किए हैं, जिनमें कहा गया है कि टीका 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों में रोग को रोकने के लिए प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने के लिहाज से है और इसमें 4 से 6 सप्ताह के अंतर पर दो खुराक मांसपेशियों में इंजेक्शन के माध्यम से दी जानी चाहिए।
 
इन प्रावधानों में कहा गया है कि एसआईआई को देश में और दुनिया में चल रहे क्लिनिकल परीक्षण से सुरक्षा, प्रभाव तथा प्रतिरक्षाजनत्व संबंधी आंकड़े जल्द से जल्द समीक्षा के लिए देने चाहिए। 
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है जिसने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है।
 
भारत बायोटेक के आवेदन पर विचार करते हुए एसईसी ने कहा कि चल रहा क्लिनिकल परीक्षण काफी बड़ा है जिसमें 25,800 प्रतिभागियों को शामिल किया जाना है जिनमें से 22,000 का पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें अन्य बीमारियों वाले रोगी भी शामिल हैं। अभी तक इनमें सुरक्षित परिणाम दिखाई दिये हैं लेकिन अभी इसका प्रभाव नजर नहीं आया है।
 
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सिफारिश की कि कंपनी को प्रतिभागियों को शामिल करने की प्रक्रिया तेज करने का प्रयास करना चाहिए और वह सीमित आपात उपयोग की मंजूरी के बारे में आगे विचार-विमर्श के लिए अंतरिम प्रभाव विश्लेषण कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि फाइजर कंपनी के आवेदन पर विचार नहीं किया गया।
 
ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी।
आपात उपयोग की मंजूरी (ईयूए) के आवेदन पर एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के हस्ताक्षर हैं जिसमें कहा गया है कि सुरक्षा के लिहाज से देखें तो कोविशील्ड ने अपेक्षित प्रतिकूल स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया। अधिकतर अपेक्षित प्रतिक्रियाएं गंभीरता के लिहाज से बहुत मामूली थीं और उन्हें सुलझा लिया गया तथा कोई अन्य लक्षण नहीं दिखाई दिए। आवेदन के अनुसार इसलिए कोविशील्ड सुरक्षित है और लक्षित जनसंख्या पर कोविड-19 की रोकथाम के लिए इसका प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
 
एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड के टीके के आपात उपयोग की मंजूरी के लिए 6 दिसंबर को भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) को आवेदन किया था, वहीं हैदराबाद की भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को आपने स्वदेश विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए अर्जी दाखिल की थी। फाइजर ने 4 दिसंबर को अपने टीके को नियामक मंजूरी के लिए आवेदन किया था। (वार्ता/भाषा)

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