पटना। बिहार में कोरोनावायरस (Coronavirus) की महामारी से निपटने की सरकारी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति और खपत में गड़बड़ी का अंदेशा हाईकोर्ट ने जताया है।
खबरों के मुताबिक, इस मामले पर पहले न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने 29 अप्रैल को जांच का निर्देश दिया था। खंडपीठ ने कहा था कि पीएमएसीएच की तुलना में एनएमसीएच में कोरोना के ज्यादा मरीज हैं। फिर भी पीएमसीएच में ऑक्सीजन की खपत ज्यादा हो रही है। ऐसे में अदालत ने पीएमसीएच में ऑक्सीजन की कालाबाजारी की आशंका जताई थी।
एक मई को एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि अस्पताल में कोरोना मरीजों को जितनी ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है, उससे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है।उस दिन पीएमसीएच में कोरोना के 127 मरीज थे। उन्हें लगातार 24 घंटे के लिए ज्यादा से ज्यादा 150 सिलेंडर की ही जरूरत थी, लेकिन चार्ट के मुताबिक उनपर 348 सिलेंडर की खपत हुई।
इसके अलावा गैर कोरोना मरीजों के मामले में भी यही लापरवाही सामने आई। जांच टीम के मुताबिक उस दिन पीएमसीएच के क्रिटिकल केयर वार्ड, महिला वार्ड, ईएनटी वार्ड, टाटा वार्ड में भर्ती ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की वास्तविक आवश्यकता से कई गुना ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत दिखाई गई है।
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने भी पिछले दिनों अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत और आपूर्ति का ऑडिट कराने की मांग वरीय अधिकारियों से की थी।