नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona virus) 'कोविड-19' के कारण राष्ट्रव्यापी बंद के बीच सभी दुकानों, फ़ैक्टरियों, प्राइवेट संस्थानों में हर श्रेणी के सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन दिए जाने के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई।
नागरिका एक्सपोर्ट्स लिमिटेड की ओर से दायर याचिका में केन्द्र सरकार के 29 मार्च के आदेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। यह कंपनी सूती कपड़ों के निर्माण एवं निर्यात से जुड़ी है।
याचिकाकर्ता की दलील दी है कि जब फ़ैक्ट्री में उत्पादन बंद है और कहीं से भी पैसा नहीं आ रहा है तो वह स्टाफ़ को वेतन के लिए पैसा कहां से लाए?
याचिका में कहा गया है कि पूरे देश में बंदी के कारण कहीं से भी पैसे नहीं आ रहे हैं तो ऐसे में कम से कम 1500 श्रमिकों और 150 अन्य कर्मचारियों को वेतन कहां से दिया जा सकता है?
कंपनी का कहना है कि वेतन के लिए उसे कम से कम पौने दो करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। कंपनी ने स्पष्ट किया कि ऐसे मौके पर कामगारों को मदद करने का उसका भी इरादा है, लेकिन जब पैसे आएंगे नहीं तो दिए कहां से जाएंगे?(वार्ता)