एक तरफ यह कहा जा रहा है कि फरवरी-मार्च तक भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) उपलब्ध हो जाएगी और सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और 1 करोड़ फ्रंटलाइन वर्करों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान ने सबको असमंजस में डाल दिया है कि वैक्सीन के आने का समय तय नहीं कर सकते। पीएम ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की कीमत तय नहीं है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा है कि वैक्सीन आने का समय तय नहीं कर सकते। यह कब आएगी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।
हमारे वैज्ञानिक वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने परोक्ष रूप से विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ लोग वैक्सीन पर राजनीति कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि लोगों को वैक्सीन पर राजनीतिक करने से रोका नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि कोरोना का रिकवरी रेट देश में सबसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में लोगों में कोरोना को लेकर ज्यादा भय था, दूसरे चरण में लोगों में भय के साथ संदेह था। इस चरण में लोगों ने अपनी बीमारी छिपाई।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीसरे चरण में लोगों ने कोरोना का स्वीकारा, चौथे चरण में कोरोना का रिकवरी रेट बढ़ा। उन्होंने कहा कि लोगों की लापरवाही से कोरोना का खतरा बढ़ा। उन्होंने कहा कि सावधानी बरती तो कोरोना का खतरा कम होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपदा के गहे समंदर से निकल रहे हैं। हम संकट के किनारे की ओर बढ़ रहे हैं। मृत्यु दर को घटाकर 1 प्रतिशत से कम करना है।
हालांकि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री वैक्सीन के फरवरी-मार्च में आने की बात कह चुके हैं। उन्होंने ही मीडिया में कहा था कि यह वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाएगी।