नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (Corona virus) महामारी की रोकथाम को लेकर देशभर में लागू लॉकडाउन से प्रभावित आर्थिक क्षेत्रों को संकट से उबारने के लिए दूसरे प्रोत्साहन पैकेज पर प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों और आर्थिक मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ शनिवार को कई बैठकों कीं।
इन बैठकों में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्थिक मंत्रालयों के प्रतिनिधि और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा मंत्रिमंडल सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों जैसे कृषि एवं किसान कल्याण और एमएसएमई के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने दिन में कहा कि उनके मंत्रालय ने मध्यम और छोटे उद्यमों के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को राहत पैकेज का सुझाव दिया है और विश्वास है कि जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट में कहा कि आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता की। इस क्षेत्र को अधिक जीवंत, आकर्षक और नए अवसरों को अपनाने योग्य बनाने के तरीकों पर व्यापक चर्चा हुई।
कृषि क्षेत्र के संबंध में एक अन्य बैठक में कृषि विपणन में विभिन्न सुधारों, विपणन योग्य अधिशेष का प्रबंधन, किसानों तक संस्थागत ऋण की उपलब्धता और कानून के उचित समर्थन सहित कृषि क्षेत्र को विभिन्न पाबंदियों से मुक्त करने पर चर्चा की गई।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस चर्चा में कृषि विकास में तेजी लाने के संदर्भ में मौजूदा विपणन व्यवस्था में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने तथा उचित सुधार लाने पर विशेष रूप से गौर किया गया।
बयान के अनुसार बैठक के दौरान कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिये रियायती ऋण, पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए विशेष किसान क्रेडिट कार्ड मुहिम तथा किसानों की उचित आमदनी सुनिश्चित करने के लिए कृषि उपज के राज्य के भीतर व एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार को सुगम बनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की गयी। बैठक में ई-कॉमर्स को सक्षम बनाने के लिए ई-नाम को विभिन्न मंचों के मंच के रूप में विकसित करने पर भी चर्चा हुई।
बयान में कहा गया कि देशभर में कुछ ऐसे एक समान वैधानिक ढांचे की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई जिससे खेती के लिए ऐसे नए तौर-तरीके सुगम बनाए जा सकें, जो कृषि अर्थव्यवस्था में पूंजी व प्रौद्योगिकी को शामिल कर सकें।
बाद में वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा इसे संभालने के लिये मंत्रालय की ओर से विचार किए जा रहे आगे के संभावित कदमों को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी।
चर्चा के दौरान संभी मंत्रालयों ने अपने-अपने क्षेत्रों को सहारा देने के लिए संभावित कदमों की जानकारी दी तथा विभिन्न सुझाव पेश किए।
सूत्रों ने कहा कि सभी क्षेत्रों की विस्तार से समीक्षा करने के बाद एक राहत पैकेज तैयार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री पहले ही शुक्रवार को नागरिक उड्डयन, श्रम और शक्ति सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें कर चुके हैं। उन्होंने गुरुवार को वाणिज्य और एमएसएमई मंत्रालयों के साथ घरेलू व विदेशी निवेश आकर्षित करने तथा देश में छोटे व्यवसायों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया था। इन बैठकों के दौरान मोदी के साथ गृह मंत्री और वित्त मंत्री- दोनों उपस्थित थे।
सरकार ने हाशिये पर स्थित लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए मार्च के अंत में गरीब महिलाओं और बुजुर्गों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। (भाषा)