सीकर। राजस्थान के सीकर जिले में एक बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए किसी पड़ोसी के मदद के लिए आगे नहीं आने पर एक महिला तहसीलदार ने यह जिम्मा उठाया और परिवार की मदद की। यह वाकया सीकर जिले के धोद कस्बे में हुआ।
बुजुर्ग महिला सायर कंवर का सोमवार को निधन हो गया। घर में उसके बुजुर्ग पति व दो नाबालिग पोते थे। बुजुर्ग ने आस पड़ोस के लोगों से महिला के अंतिम संस्कार में मदद की गुहार की लेकिन कोई आगे नहीं आया। लोगों को आशंका था कि महिला शायद कोरोना वायरस से संक्रमित रही होंगी।
इस बीच किसी ने इसकी जानकारी तहसीलदार रजनी यादव को दी। वह बुजुर्ग के घर पहुंचीं और स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों से एम्बुलेंस मुहैया कराने का अनुरोध किया लेकिन करीब दो घंटे तक कोई एम्बुलेंस नहीं भेजी गई।
इसके बाद में यादव ने एक निजी वाहन की व्यवस्था की और महिला के पति और दो नाबालिग पोतों के साथ शव को दाह संस्कार के लिए ले गईं। यादव ने वहां पीपीई किट पहन कर महिला के संस्कार की तैयारी की। महिला के बुजुर्ग पति ने बाद में चिता को अग्नि दी।
यादव ने बताया कि एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं होने पर मैंने शव को निजी वाहन से श्मशान घाट ले जाने की व्यवस्था की। चूंकि बुजुर्ग व्यक्ति और उनके दो नाबालिग पोतों की सहायता करने वाला कोई नहीं था तो मैंने अंतिम संस्कार की व्यवस्था की।
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने वैश्विक महामारी कोरोना काल में एक महिला के अंतिम संस्कार के लिए आगे आई तहसीलदार रजनी यादव की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्होंने नकारात्मकता के माहौल में भी सकारात्मकता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
डॉ.पूनियां ने कहा कि कर्तव्यनिष्ठा के साथ सेवाभाव एवं मानवता के फर्ज को सहजता से अपने जीवन में अंगीकार करते हुए धोद तहसीलदार रजनी यादव ने निर्भय होकर कोरोना संदिग्ध मृत महिला का अंतिम संस्कार करवाया। बुलंद हौसले से नकारात्मकता के माहौल में भी सकारात्मकता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने तहसीलदार का इसके लिए अभिनंदन किया।