नई दिल्ली। देशभर के विभिन्न निजी अस्पतालों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नई नीति के तहत कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 रोधी टीकों की खरीद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है और इसकी वजह से उनके केंद्रों पर टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है।
इन अस्पतालों ने टीकों की खरीद के लिए एक उचित तंत्र और एकल खिड़की प्रणाली स्थापित किए जाने की मांग की है। अस्पतालों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने टीका विनिर्माताओं-सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक तथा राज्य सरकारों से संपर्क किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कहा, आपके निर्देश के अनुसार, हम देश में किसी भी निजी अस्पताल से अब कोई ऑर्डर/भुगतान स्वीकार नहीं कर रहे। निजी अस्पतालों को भविष्य की आपूर्ति के लिए रोडमैप के संबंध में हमें आपके आगे के निर्देश की प्रतीक्षा है।
निजी अस्पतालों के समक्ष आ रहीं समस्याओं का जिक्र करते हुए बत्रा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक एससीएल गुप्ता ने कहा, समस्या यह है कि इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि हम टीके किस तरह खरीदेंगे। जब हम राज्य सरकार के अधिकारियों से बात करते हैं तो वे कहते हैं कि 21 जून तक इंतजार करिए क्योंकि नीति अभी स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने भी हमसे इंतजार करने को कहा है। हमने कंपनियों से भी संपर्क किया है, लेकिन खरीद की प्रक्रिया पर वे भी स्पष्ट नहीं हैं। गुप्ता ने कहा कि इस सबकी वजह से टीकाकरण में विलंब हो रहा है।उन्होंने कहा, भारत में संभावित तीसरी लहर (महामारी की) की आशंका से हम अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, पहली खुराक ले चुके अनेक लोग और हमारे अनेक स्वास्थ्यकर्मी भी अपनी दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे हैं।
शल्य चिकित्सा विभाग, सरोज अस्पताल के मुख्य कार्यकारी निदेशक एवं प्रमुख पीके भारद्वाज ने भी कहा कि निजी अस्पतालों के लिए टीका खरीद को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है और न ही यह स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक निजी अस्पताल को कितने टीके मिलेंगे।
अधिकतर अस्पतालों में टीकाकरण स्थगित हो गया है, खासकर उन लोगों के लिए दिक्कत हो रही है, जिन्हें दूसरी खुराक लगनी है, लेकिन लग नहीं पा रही है। भारद्वाज दिल्ली वॉलंटरी हॉस्पिटल फोरम के सचिव भी हैं। उन्होंने कहा, सरकार को जल्द पारदर्शी और स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए जिससे कि घातक विषाणु के खिलाफ टीकाकरण की इस महत्वपूर्ण कवायद में आगे और विलंब न हो।
राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सर्वेश सरन जोशी ने कहा, हमने कोविशील्ड और कोवैक्सीन-दोनों के विनिर्माआतों से बात की है और उन्होंने बताया कि सरकार ने निजी अस्पतालों को सीधे टीका आपूर्ति न करने को कहा है। इसलिए मध्यम और लघु स्तर के अधिकतर अस्पतालों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
सीता मेमोरियल मल्टीस्पेशलिटी डेंटल क्लिनिक के निदेशक जितेंद्र सराफ ने कहा कि जब उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें भी इस बारे में उचित दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं कि निजी अस्पताल किस तरह टीके खरीदेंगे। इंडियन डेंटल एसोसिएशन के सदस्य सराफ ने कहा, हम भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया दोनों को लिखते रहे हैं, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला है।(भाषा)