पुणे। पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने आरोप लगाया है कि शहर में संदिग्ध रूप से कोविड-19 के कारण हुई कम से कम 400 मौत का कोई हिसाब-किताब नहीं है। मोहोल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ गुरुवार को हुई बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया था, जब वे शहर में कोरोनावायरस स्थिति का जायजा लेने आए थे।
महापौर ने शुक्रवार को कहा कि हर महीने ससून जनरल अस्पताल और शहर के निजी अस्पतालों में कम से 400 से 500 संदिग्ध कोरोनावायरस मरीजों की मौत हो रही जिनका कोई हिसाब नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ससून अस्पताल में रोजाना कोरोनावायरस के कम से कम 12 संदिग्ध मरीजों की मौत हो रही है। इसी तरह के मामले निजी अस्पतालों में भी सामने आ रहे हैं।
मोहोल ने दावा किया कि इन मौतों का कोई हिसाब नहीं रखा जा रहा, क्योंकि ये मरीज या तो अस्पताल में मृत अवस्था में लाए जाते हैं या वहां पहुंचने के तुरंत बाद उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के मुताबिक मृत व्यक्ति की कोई जांच नहीं की जाती। लेकिन जब डॉक्टर इन लोगों का एक्स-रे करते हैं तो उनमें कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ यह मु्द्दा उठाए जाने के दौरान उन्होंने ऐसी मौतों को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की। मोहोल ने कहा कि मरीजों का जल्दी पता लगाया जाना चाहिए ताकि उन्हें समय से इलाज मिल सके और ऐसी मौतें रोकी जा सके।
आरोपों के बाद जिलाधिकारी नवलकिशोर राम ने कहा कि इस संबंध में जांच की जाएगी और ससून अस्पताल से एक रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के कर्मी ससून अस्पताल जाते रहते हैं और रिकॉर्ड जांचते हैं। ऐसी संभावना कम है कि पुणे में कोई गलत सूचना या कम सूचना दी जा रही हो। जिलाधिकारी ने कहा कि डेटा एंट्री से संबंधी कुछ मुद्दे हो सकते हैं लेकिन माननीय महापौर द्वारा उल्लेखित आंकड़े असंभव से लगते हैं। लेकिन हम निष्पक्ष जांच करेंगे, क्योंकि मैंने ससून से रिपोर्ट मांगी है। (भाषा)