चंडीगढ़। कोरोना वायरस से बनी इस दहशत भरे माहौल में अभी तक आपने पुलिस के कई रूप देखें होंगे, लेकिन पंजाब पुलिस ने जो पहल की है, उससे कोरोना की हार जरूर होगी। पंजाब की रोपड़ पुलिस ने महामारी कोविड 19 के खतरे को भांपते हुए कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगभग 70 प्रतिशत गांवों को स्वेच्छा से एकांतवास में रहने के लिए प्रेरित किया है।
रोपड़ जिला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वप्निल शर्मा ने बताया कि 3 अतिसंवेदनशील इलाकों से घिरे जिले को अब तक सुरक्षित रखने के लिए 1200 वालंटियरों ने कारगर काम किया है। इस इलाके में विदेश से लौटे
440 लोग क्वारंटाइन में हैं तथा 14 संदिग्धों के नमूनों में से 11 पहले ही नेगेटिव पाए गए हैं। तीन अन्य के टेस्ट
नतीजों का इंतजार है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायतों, युवा क्लबों और वालंटियरों की सहायता ली जा रही है क्योंकि जि़ले के 424 गांवों की आबादी करीब 74 प्रतिशत है तथा लोगों को जागरूक करने में ये स्वयंसेवी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इन वॉलंटियरों को सोशल मीडिया समूहों के जरिए नए दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी जा रही है, जो जिला मुख्यालयों में पुलिस वॉर रूम से चलाए जाते हैं।
कर्फ्यू लगने के बाद पिछले 8 दिनों में खाने के 30 हजार से अधिक पैकेट और 17,600 पैकेट सूखे राशन के बांटे जा चुके हैं। शर्मा ने बताया कि हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं, जिसमें सभी सरपंच, लम्बरदार, चौकीदार और पूर्व सैनिक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि गांवों के गुरुद्वारे और मंदिरों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार की सभी हिदायतें और एडवाईजऱीज़ को लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रभावशाली ढंग से सहायता की है।
पुलिस अधीक्षक (रोपड मुख्यालय) जगजीतसिंह ने बताया कि किसी भी समय जि़ला पुलिस कार्यालय में सूखे राशन के 500 फूड पैकेट आसानी से उपलब्ध हैं। एक पैकेट 14 भोजन तैयार करने के लिए काफी है।
भोजन के बारे जब भी 112 पर कोई कॉल आती है तो पुलिस की समर्पित टीमें ज़रूरतमंदों को खाने के पैकेट मुहैया करवाती हैं। गांव अकबरपुर के समाज सेवी गुरचरनसिंह ने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस हमारी सहायता के लिए आ गई है। हर समस्या का हल किया जा रहा है और नागरिक पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं।
कुछ समस्याएं पैदा होती हैं, परंतु हम उनको मिलकर हल करते हैं। गांव वालमगढ़ के सरपंच जसवंतसिंह ने बताया कि राशन, सब्जियों और दवाओं वाला एक वाहन दिन में दो बार मेरे गांव की एंट्री वाली जगह पर आता है। एमरजैंसी के मामले में हम 112 डायल करते हैं और पुलिस का प्रतिक्रिया प्रशंसनीय है। (वार्ता)