नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर डॉक्टरों के पास लोगों के उत्सुकता भरे सवालों की बाढ़ आ गई है, जिनमें कई बार गंभीर सवाल पूछे जाते हैं तो कई बार बेहद बेवकूफाना प्रश्न भी पूछे जा रहे हैं।
आपात स्थिति को छोड़कर लक्षणों की शारीरिक जांच न करवाकर, टेलीफोन पर ही सवाल पूछे जा रहे हैं और डॉक्टर कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए घबराहट में किए जा रहे मरीजों के सवाल का जवाब देने में व्यस्त हैं।
क्लिनिक और अस्पतालों में आमतौर पर लगने वाली कतार भले ही न दिख रही हो, लेकिन डॉक्टर पहले की ही तरह व्यस्त हैं और टेलीविजन, अस्पतालों और सोशल मीडिया पर हेल्पलाइन सवालों से पटी पड़ी हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सवाल कई हैं और चौंकाने वाले भी हैं।
आम सवाल लक्षण और रोकथाम से जुड़े हुए हैं- 'क्या गर्मी से कोरोना वायरस मर जाएगा?, क्या बाहर का खाना या मांसाहारी खाना खाने से बचना चाहिए?, क्या सिगरेट पीने से ठीक होने की संभावना कम हो जाती है?, क्या मास्क उपयोगी है?, क्या सैनिटाइजर साबुन से बेहतर हैं?, क्या मेरे परिवार के बुजुर्गों पर खतरा ज्यादा है?'
कई बार यह घबराहट मासूमी या बेवकूफी भरे सवाल लेकर आती है, जिसका जवाब देने में डॉक्टर जूझते नजर आते हैं- 'क्या चीन से आने वाले पत्र से संक्रमण फैल सकता है?, क्या चीन में बने उत्पादों से हमें कोविड-19 का संक्रमण हो सकता है?, क्या गर्म पानी पीने से वायरस मर जाएगा?, क्या भारतीय अन्य के मुकाबले कोरोना वायरस से ज्यादा प्रतिरक्षित हैं?, क्या टाइल्स वाले घरों में जोखिम ज्यादा है?, “दाढ़ी और मूंछ रखने वाले लोगों में बीमारी का खतरा ज्यादा है?, क्या धूप सेकने से वायरस मर जाएगा?'
गोवा के पोर्टिया मेडिकल के निदेशक विशाल सहगल ने कहा कि तीन मार्च से शुरू हुई उनकी व्हाट्सऐप चैटबोट सेवा को करीब 16 देशों से 15 लाख से ज्यादा सवाल प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, उन्हें हर दिन उनकी हेल्पलाइन पर कोविड-19 से संबंधित 100 से ज्यादा पूछे जाते हैं।
सहगल ने बताया कि लोगों में कोविड-19 को लेकर बहुत घबराहट और संदेह है। ये अधिकतर वायरस क्या है, यह कैसे काम करता है और क्या सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने चाहिए से जुड़े हैं। लक्षण नजर आने पर क्या किया जा सकता है, इस बारे में बहुत सवाल पूछे जाते हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन कई बार सवाल बड़े बेतुके होते हैं जैसे, ‘क्या यह सच है कि बीयर पीने से कोरोना वायरस संक्रमण नहीं होगा।' कुछ डॉक्टरों का कहना है कि जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, उसी हिसाब से ‘बेवकूफी' का स्तर भी बढ़ रहा है। लेकिन, बीमारी के कारण हर दिन कई जान जा रही हैं, इसलिए धैर्य रखना अहम है। (भाषा)