जयपुर। राजस्थान में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कोरोनावायरस संक्रमण के मामले भी रफ्तार से बढ़ने लगे हैं। गहलोत ने सचिन पायलट के दांव से अपनी कुर्सी को तो बचा लिया, लेकिन वे प्रदेश में बढ़ती कोरोनावायरस संक्रमण की रफ्तार पर कैसे ब्रेक लगाएंगे, यह बड़ा सवाल है।
26 हजार के पार पहुंची संक्रमितों की संख्या : प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 26 हज़ार 580 तक पहुंच गई। कोरोनावायरस से अब तक 534 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 19 हज़ार 587 मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब भी हुए है. राज्य में अब 6 हज़ार 459 एक्टिव केस है।
7 जिलों से 58 प्रतिशत मामले : राजस्थान में कोरोना संक्रमण सभी जिलों में फैल चुका है। कोरोना की बढ़ी रफ़्तार के चलते प्रदेश के 7 ज़िलों में हजार का आंकड़ा पार हो चुका है। ये ज़िले हैं- जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, अलवर, पाली, बीकानेर और नागौर। इन 7 जिलों से राज्य के 59 फीसदी मामले सामने आ चुके हैं।
जोधपुर में बिगड़े हालात : जोधपुर ज़िले में हालात बेकाबू होते दिख रहे है। जयपुर, जोधपुर में 4 हज़ार का आंकड़ा पार हो चुका है, लेकिन आंकड़ों को देखें तो जोधपुर में प्रदेश के सबसे ज्यादा 4223 कोरोना मामले मिल चुके है जबकि राजधानी जयपुर में ये आंकड़ा 4127 का हैं। जोधपुर अब कोरोना प्रभावित जिलों में पहले स्थान पर आ गया है। डराने वाली बात यह है कि जोधपुर में एक्टिव केस भी हज़ार के पार है। प्रदेश के सबसे ज्यादा 1229 एक्टिव केस यहीं हैं।
क्या बोले चिकित्सा मंत्री : प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि सेम्पल जांच की संख्या को बढाकर औसतन प्रतिदिन 25 हजार करने से पॉजिटिव की संख्या में तो वृद्धि हो रही है, लेकिन इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। पॉजिटिव लोगों का जल्दी पता लगने से उनका समय पर उपचार हो रहा है और इससे रिकवरी रेट में सुधार तथा कोरोना से होने वाले मृत्यु दर में निरंतर कमी आ रही है।
11 लाख नमूनों की जांच : चिकित्सा मंत्री के अनुसार प्रदेश में अब तक 11 लाख से अधिक कोरोना सेम्पल की जांच की जा चुकी है। प्रदेश में 27 स्थानों पर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश में प्रति 10 लाख सेम्पल की दृष्टि से राजस्थान देश के अग्रणी प्रदेशों में शामिल है।
ठीक हुए मरीजों का डाटा बैंक बनाएगी : स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि सरकार कोरोना से ठीक हुए मरीजों का डाटा बैंक बनाएगी। शर्मा ने कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा दान करने की अपील की जाएगी। प्रदेश में अब तक 47 गंभीर मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी से उपचार किया गया है और इसके शत-प्रतिशत परिणाम रहे हैं। स्वाथ्य मंत्री के मुताबिक प्लाज्मा थैरेपी से उपचार के महत्व को ध्यान रखते हुए प्रदेशभर में पॉजिटिव से नेगेटिव होने वाले लोगों का डेटा बनाने के निर्देश दिए गए।
प्लाज्मा डोनेट करने की अपील : कोरोना से ठीक हुए लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि प्लाज्मा थैरेपी से उपचार के लिए प्लाज्मा बैंक को बढ़ाया जा सके। अब तक पॉजिटिव से नेगेटिव हुए 20 व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अपनी रजामंदी दे चुके है।
जरूरत होने पर लगाए जाएंगे 40 हजार के इंजेक्शन : शर्मा ने कहा कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थैरेपी से हुए उपचार के संबंध में आईसीएमआर ने प्रशंसा-पत्र भिजवाया है। कोरोना पॉजिटिव गंभीर प्रकृति के रोगियों को उपचार के लिए आवश्यक होने पर लगभग 40 हजार रुपए कीमत के टोसिलीजुमेब इंजेक्शन भी लगाए गए हैं।
पूर्ण लॉकडाउन नहीं : राज्य सरकार कोरोनावायरस को लेकर फिलहाल राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने नहीं जा रही है। गृह विभाग ने अनलॉक 2.0 के तहत जारी गाइडलाइन का सख्ती के साथ पालन करने का आदेश जारी किया है। कई दिनों से सोशल मीडिया पर राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की खबरें चल रही थीं।
गृह विभाग के आदेश से राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगने की अफवाहों पर विराम लग गया। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार अनलॉक 2.0 के तहत जारी गाइडलाइन का पालन सख्ती से कराने का निर्देश दिया गया है।