नई दिल्ली। कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने का शारीरिक रूप से निष्क्रिय जीवनशैली से संबंध देखा गया है। साथ ही चलते इसके चलते मौत का खतरा बढ़ने की बात भी सामने आई है। बड़े पैमाने पर किए गए एक अध्ययन में यह बात कही गई है।
कैलिफॉर्निया सैन डिएगो विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं समेत विभिन्न अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि अमेरिका में कोविड-19 से पीड़ित वे लोग जो दो साल से शारीरिक गतिविधियों से दूर थे, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की अधिक संभावना थी।
उन्होंने कहा शारीरिक रूप से निष्क्रिय कोविड-19 रोगियों को उन रोगियों के मुकाबले देखभाल की अत्यधिक आवश्यकता थी, जो नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करते रहे थे। साथ ही ऐसे रोगियों की मौत की भी अधिक आशंका कम थी।
'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन' में प्रकाशित इस अध्ययन में अधिक आयु के लोगों और अंग प्रतिरोपण करा चुके व्यक्तियों की शारीरिक निष्क्रियता को शामिल नहीं किया गया।
अध्ययनकर्ताओं ने कहा, 'अध्ययन में पता चला कि शारीरिक रूप से सक्रिय न होना गंभीर रूप से कोविड-19 की चपेट में आने का सबसे मजबूत कारक रहा।'
उन्होंने कहा, 'धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर की तुलना में शारीरिक रूप से सक्रिय न होना सभी कारकों में सबसे मजबूत कारक रहा।'
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि गंभीर रूप से कोविड-19 की चपेट में आने के कई जोखिम कारकों की पहचान की गई। इनमें बढ़ती उम्र, पुरुष लिंग, मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं। (भाषा)