नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान करीब 2 महीने से ज्यादा समय तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहने के बाद आज देश के कई शहरों में धार्मिक स्थल खुल गए। श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिरों में दर्शन किए। इतने दिनों बाद धार्मिक स्थल खुलने पर श्रद्धालु भी खुश दिखाई दिए।
आज से ही शॉपिंग मॉल, होटल और रेस्तरां फिर से खुलने जा रहे हैं। इनमें नए नियमों के तहत प्रवेश के लिए टोकन प्रणाली जैसी प्रणालियां होंगी, वहीं मंदिरों में ‘प्रसाद’ आदि का वितरण नहीं होगा। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इन सबके खुलने से नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
केंद्र सरकार ने ‘अनलॉक-1’के तहत एसओपी जारी की है। केंद्र सरकार ने इनका ब्योरा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया है। जैसे पंजाब सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों के तहत मॉलों में प्रवेश के लिए टोकन देने की प्रणाली अपनाई है। महाराष्ट्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने पर फैसला नहीं किया है।
गुजरात में कुछ धार्मिक स्थलों ने पालियों में प्रार्थना आयोजित करने का फैसला किया है और श्रद्धालुओं के आने के लिहाज से समय निर्दिष्ट करते हुए टोकन प्रणाली शुरू की है ताकि सामाजिक दूरी के नियम का पालन हो और भीड़-भाड़ नहीं हो।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दिल्ली में मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल खुलेंगे लेकिन होटल और बैंक्वेट हॉल बंद रहेंगे क्योंकि हमें आने वाले समय में उन्हें अस्पतालों में तब्दील करना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत कर्नाटक सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखने, तीर्थ (पवित्र जल) या प्रसाद नहीं बांटने और विशेष पूजा-अर्चना पर रोक रखने के नियम तय किए हैं।
मस्जिद में विशेष व्यवस्था : दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ऐतिहासिक मस्जिद आज से खुलेगी जिसमें सुरक्षा के सभी कदम उठाए गए हैं।
बुखारी ने कहा कि लोगों से कहा गया है कि वे मस्जिद में नमाज के लिए आने से पहले अपने घर में ही वजू करें। मस्जिद में वजू के काम आनी वाली हौज खाली कर दी गई है, नमाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दरियां हटा दी गई हैं और लोग अपने घरों से चटाई लेकर आएंगे। एक-दूसरे के शरीर से दूरी बरकरार रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए गए हैं, ताकि लोगों के बीच पर्याप्त दूरी रह सके।
गुरुद्वारा के लिए नियम : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सीसगंज, रकाबगंज और बंगला साहिब गुरद्वारों में भी संक्रमणमुक्ति सुरंग स्थापित की गई है।
सिरसा ने कहा कि समूचे परिसरों को नियमित तौर पर संक्रमणमुक्त किया गया है। जिस स्थान पर लोग गुरु ग्रंथ साहिब को नमन करते हैं, उस स्थान पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। एक-दूसरे के शरीर से दूरी सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की संख्या बढ़ा दी गई है।
उन्होंने कहा कि लोगों को सिर ढंकने के लिए कपड़ा नहीं दिया जाएगा, उन्हें अपना खुद का कपड़ा सिर पर रखना होगा। गुरुद्वारे में जूते-चप्पल संभालने का काम नहीं होगा और पैरों को साफ करने के लिए संक्रमणमुक्त पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। सिरसा ने कहा कि श्रद्धालुओं को गुरुद्वारों में बैठने की अनुमति नहीं होगी और अरदास करने के तुरंत बाद उन्हें बाहर जाना होगा।
बांकेबिहारी मंदिर के लिए करना पड़ेगा इंतजार : करीब ढाई माह से ठाकुरजी के दर्शनों से वंचित रहे भक्तजन आज से श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित ब्रज के कई मंदिरों में दर्शन कर सकेंगे, परंतु वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी, गोवर्धन में दानघाटी और बरसाना में श्रीजी के दर्शन के लिए उन्हें अभी और इंतजार करना होगा। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत 8 जून से मंदिरों को आम भक्तों के लिए खोलने का आदेश जारी किया गया है। इसके तहत श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन आसानी से किए जा सकेंगे।
वृंदावन स्थित श्री बांकेबिहारी मंदिर, रंगजी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर के साथ ही मथुरा स्थित श्रीद्वारिकाधीश मंदिर, बलदेव स्थित दाऊजी मंदिर, गोवर्धन स्थित मंदिर दानघाटी मुखारबिंद, मानसीगंगा, नंदगांव स्थित मंदिर श्रीनंदभवन, श्रीजी मंदिर बरसाना में आज से आम लोगों के लिए नहीं खुलेंगे। उनमें कुछ मंदिरों ने 10 जून से तो कुछ ने 30 जून के बाद ही श्रद्धालुओं के लिए पट खोलने का निर्णय लिया है।