बीजिंग। चीन में कोरोना की रफ्तार कम हुई है। इस बीच खबर आ रही है कि चीन पूरी तरह से वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को बूस्टर डोज देने की तैयारी में है।
एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी अधिकारी कॉमिरनाटी नाम की वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस वैक्सीन का प्रयोग आमतौर पर अमेरिका और यूरोप में किया जा रहा है, लेकिन फोसुन के पास चीन में वैक्सीन के निर्माण और वितरण का विशेष अधिकार है।
चीन के फोसुन फार्मा और जर्मनी के बायोएनटेक द्वारा डेवलप की गई एमआरएनए वैक्सीन का बूस्टर डोज उन लोगों को लगाए जाने की तैयारी है, जिन्होंने पहले से चीन द्वारा विकसित अन्य वैक्सीन लगवाई हुई है।
एक सलाहकार पैनल ने बायोएनटेक की वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है और अब इसे दवा नियामक से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। चीन द्वारा ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है जब मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे देश जिन्होंने कोविड-19 महामारी का सामना करने के लिए चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया और अब वहां संक्रमण में बड़ा उछाल देखा जा रहा है।
मीडिया खबरों के मुताबिक चीन में 1 जुलाई तक 120 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। देश के अधिकतर नागरिकों को सिनोवैक और सिनोफार्म टीके लगाए गए हैं। दोनों टीकों में नई एमआरएनए तकनीक की बजाय वायरस के डेड पार्टिकल्स का प्रयोग किया गया है।
बायोएनटेक की वैक्सीन मौजूदा वक्त में चीनी सरकार की अनुमति का इंतजार कर रही है, ये टीका वायरस के प्रति 95 प्रतिशत तक प्रभावशाली है।