लंदन। कोरोनावायरस (Coronavirus) से जुड़ी एक बड़ी खुशखबर सामने आ रही है। शोधकर्ताओं ने कोविड-19 बीमारी के लिए एक नए इलाज की पहचान की है और उनका कहना है कि इससे भविष्य में वायरस के नए स्वरूपों से भी सुरक्षा मिल सकेगी।
ब्रिटेन के केंट विश्वविद्यालय और जर्मनी के गोएथे-विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने सार्स-सीओवी-2 ओमीक्रॉन और डेल्टा वायरस की संवेदनशीलता का परीक्षण किया। उन्होंने मौजूदा दवा बीटाफेरॉन के साथ स्वीकृत चार एंटीवायरल दवाओं के संयोजन के संदर्भ में नए परीक्षण किए।
बीटाफेरॉन एंटीवायरल दवा है जो शरीर में स्वाभाविक रूप से भी उत्पन्न होता है और शरीर को वायरस के संक्रमण से बचाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड के मौजूदा चरणों के दौरान शुरुआती दौर की अपेक्षा कम लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और कम मरीजों की मौतें हुईं। उन्होंने कहा कि इसकी वजह बड़े पैमाने पर टीकाकरण है। उन्होंने कहा कि हालांकि, कई लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली में दोष होता है और वे टीकाकरण के बाद भी खुद को कोविड से प्रभावी ढंग से नहीं बचा पाते हैं।
नया अध्ययन जर्नल ऑफ इंफेक्शन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि नया संयोजन इलाज वायरस के नए स्वरूपों को रोक सकता है।
केंट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मार्टिन माइकलिस ने कहा कि नए निष्कर्ष रोमांचक हैं और इससे कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले कोविड मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी।