नई दिल्ली। कोरोनावायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Coronavirus Variant Omicron) के सामने आने से दुनियाभर में दहशत फैल गई है। दुनिया के कई देश अलर्ट पर हैं। भारत में भी ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
कोरोना का नया वेरिएंट (Coronavirus New Variant) मिलने के बाद भारत दोबारा से इंटरनेशनल फ्लाइट्स के संचालन पर विचार कर सकता है। ओमिक्रॉन वेरिएंट पर हुई आपात बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के कोरोना टेस्टिंग और निगरानी के लिए एसओपी की समीक्षा करेगी। खासकर उन देशों की पहचान की जाएगी, जहां कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा आ रहे हैं और उन्हें जोखिम की श्रेणी में रखा गया है।
भारत सरकार ने भी कोरोनावायरस के एक नए स्वरूप ओमिक्रॉन के सामने आने मद्देनजर वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने के निर्णय और आने वाले यात्रियों, खासकर जोखिम श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले लोगों की जांच और निगरानी करने संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया (SoP) की समीक्षा करने का रविवार को फैसला किया।
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हुई एक अत्यावश्यक बैठक में इस बारे में निर्णय लिए गए और इसमें विभिन्न हितधारक शरीक हुए। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस के नए चिंताजनक स्वरूप 'ओमीक्रोन' के चलते की गई उच्चस्तरीय समीक्षा के एक दिन बाद हुई।
20 महीने से अधिक समय के लंबे अंतराल के बाद, सरकार ने 26 नवंबर को घोषणा की थी कि 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को फिर से शुरू किया जाएगा। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ओमिक्रॉन के मद्देनजर समग्र वैश्विक स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई और विभिन्न निवारक उपायों तथा इन्हें और मजबूत करने पर चर्चा की गई।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुसार, वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा करेगी। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि सरकार आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों-खासकर जोखिम श्रेणी में रखे गए देशों से आने वालों की जांच और निगरानी से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया की समीक्षा करेगी।
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि वायरस के स्वरूपों की जीनोमिक निगरानी को और मजबूत किया जाएगा तथा हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच प्रोटोकॉल की सख्त निगरानी के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुसार, वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवा को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश के भीतर महामारी की उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी। बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन, स्वास्थ्य-नागरिक उड्डयन और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न विशेषज्ञ शामिल हुए।